मानव शर्मा आत्महत्या | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी की मां और बहन को जमानत दी

Update: 2025-05-21 06:38 GMT

25 वर्षीय TCS मैनेजर मानव शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को उनकी सास और साली को जमानत दी।

जस्टिस समीर जैन की पीठ ने कहा कि उनके खिलाफ केवल सामान्य आरोप लगाए गए और आवेदकों की दलील में दम है कि उनके खिलाफ रिकॉर्ड में उकसाने का कोई ठोस सबूत नहीं है।

एकल जज ने यह भी माना कि आवेदक महिलाएं हैं, जिनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वर्तमान मामले में वे 15 मार्च से जेल में हैं।

शर्मा ने इस साल फरवरी में वैवाहिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी। खुद को फांसी लगाने से पहले उन्होंने 6+ मिनट का एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और अपने ससुराल वालों को इस स्थिति में धकेलने के लिए दोषी ठहराया।

कुछ ही समय बाद शर्मा की पत्नी का एक बिना तारीख वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें उसने दावा किया कि उसका पति शराब पीने के बाद आक्रामक हो जाता था। भारतीय न्याय संहिता (BNS) धारा 108 के तहत दर्ज किए गए आवेदकों ने जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया, जिसमें उन्होंने तर्क दिया कि उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया और उनके खिलाफ उकसाने का कोई ठोस सबूत नहीं है।

उनके वकील ने यह भी तर्क दिया कि पति और पत्नी के बीच उत्पन्न हुए वैवाहिक विवाद के कारण शर्मा ने आत्महत्या कर ली। उसके बाद केवल इसलिए कि आवेदक पत्नी के करीबी पारिवारिक सदस्य हैं, उन्हें वर्तमान मामले में आरोपी बनाया गया। हालांकि एजीए और सूचनाकर्ता के वकील ने जमानत की प्रार्थना का विरोध किया लेकिन आवेदकों के वकील द्वारा पेश किए गए तथ्यों पर बहस नहीं कर सके।

इसे देखते हुए अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।

केस टाइटल - पूनम शर्मा और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य 2025 लाइव लॉ (एबी) 182

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