COVID वार्ड के सामने OPD में काम करने वाले वार्ड बॉय को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत कवर किया गया: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि महामारी के दौरान COVID वार्ड के सामने OPD में काम करने वाले वार्ड बॉय को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज: COVID-19 से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना के तहत कवर किया जाएगा और योजना का लाभ उसकी विधवा को दिए जाने का निर्देश दिया गया।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज: COVID-19 से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना के तहत याचिकाकर्ता का दावा इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि उसके पति की मृत्यु 28.03.2020 से तीन महीने की अवधि समाप्त होने के बाद हुई थी और वह सीधे तौर पर COVID वार्ड में काम नहीं कर रहा था।
न्यायालय ने कहा,
"सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली लाभकारी योजनाओं को तकनीकी तरीके से नहीं पढ़ा जाना चाहिए और उन्हें समग्र रूप से देखा जाना चाहिए।"
यह देखा गया कि दिनांक 28.03.2020 के आदेश ने स्वास्थ्य कर्मियों को भी लाभ प्रदान किया, जिन्हें COVID-19 के संक्रमण का खतरा हो सकता है, जिनमें COVID-19 के कारण मरने वाले लोग भी शामिल हैं।
न्यायालय ने संगीता वाही बनाम भारत संघ और अन्य पर भरोसा किया, जहां दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज: COVID-19 से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना केवल उन लोगों पर लागू नहीं होगी, जो सीधे COVID वार्ड में काम कर रहे हैं। यह माना गया कि ऐसी संकीर्ण व्याख्या किसी कल्याणकारी योजना को नहीं दी जा सकती, जो उन लोगों के लिए लाई गई थी, जो ड्यूटी के दौरान प्रभावित हुए थे, चाहे वह कोई सुरक्षा गार्ड हो जो अस्पताल में व्यवस्था बनाए रखने में मदद कर रहा हो।
जस्टिस शेखर बी. सराफ और जस्टिस मंजीव शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के पति, जो COVID वार्ड के ठीक सामने OPD में काम कर रहे थे, वे इस योजना के लाभ के हकदार होंगे और अधिकारियों द्वारा दी गई योजना की संकीर्ण व्याख्या इस योजना की मंशा के विपरीत है।
केस टाइटल- साधना साहू बनाम भारत संघ और 5 अन्य