इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कक्षा 1 से 8 तक की लड़कियों के लिए ताइक्वांडो, जूडो कराटे को नियमित कोर्स में शामिल करने की जनहित याचिका खारिज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कक्षा 1 से 8 तक की लड़कियों के लिए ताइक्वांडो, जूडो कराटे कोर्स को नियमित पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए दावा किया कि उपरोक्त को नियमित कोर्स के रूप में शुरू करने से लड़कियों को स्वतंत्र, आत्मविश्वासी बनने और अपने जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों का सामना करने में मदद मिलेगी।
न्यायालय ने पाया कि याचिकाकर्ता ने 2 मई 2024 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था और 15 दिनों के भीतर याचिका दायर की। यह पाया गया कि याचिका बिना किसी शोध के सामान्य कथनों के साथ दायर की गई।
चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस विकास बुधवार की पीठ ने कहा,
“याचिका में केवल सामान्य कथन किए गए हैं, जिसमें लड़कियों को स्वतंत्रता, आत्मविश्वास आदि की आवश्यकता बताई गई। हालांकि कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले 6 से 14 वर्ष की आयु के स्टूडेंट्स को प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से प्रशिक्षित कर्मचारियों की उपलब्धता के बारे में कोई और संकेत नहीं दिया गया।”
तदनुसार, जनहित याचिका खारिज कर दी गई।
केस टाइटल- शालिनी अग्रवाल बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और 2 अन्य