इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा में दोस्त का सिर कलम करने के आरोपी BJP नेता को दी जमानत

Update: 2025-05-28 09:54 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता टिंकू भार्गव उर्फ ​​यतेंद्र को जमानत दी, जिन्हें 2022 में अपने दोस्त जौहरी नवीन वर्मा की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

जस्टिस अजय भनोट की पीठ ने उन्हें जमानत देते हुए कहा कि उनके भागने का खतरा नहीं है। उन्होंने हमेशा जांच में सहयोग किया है और उन्होंने अदालती कार्यवाही में सहयोग करने का वचन दिया है।

अदालत ने यह भी कहा कि अगर जमानत पर रिहा किया जाता है तो उनके गवाहों को प्रभावित करने सबूतों से छेड़छाड़ करने या फिर से अपराध करने की कोई संभावना नहीं है।

संदर्भ के लिए भार्गव पर अपने साथी BJP सदस्य का सिर कलम करने के आरोप में भारतीय दंड संहिता (IPC) धारा 302, 201, 34 IPC के तहत FIR दर्ज है।

कथित तौर पर पुलिस अधिकारियों ने उसे तब हिरासत में लिया, जब वह आगरा के जंगल वाले सिकंदरा अरसेना इलाके के पास कटे हुए सिर को फेंकने के लिए जगह की तलाश कर रहा था।

अभियोजन पक्ष के अनुसार भार्गव ने कथित तौर पर अपने दोस्त (नवीन) की हत्या की साजिश रची। इसलिए उसने उसे फोन किया उसे अत्यधिक शराब पिलाई और बाद में उसे गोली मार दी। हत्या के बाद भार्गव और उसके सहयोगी ने कथित तौर पर नवीन के शरीर (सिर को छोड़कर) को सिकंदरा में फेंक दिया और वे दूसरे जिले में उसके कटे हुए सिर को ठिकाने लगाने जा रहे थे तभी पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

भार्गव की पहली जमानत जनवरी, 2024 में खारिज कर दी गई और यह उसकी दूसरी जमानत याचिका थी। वह अगस्त, 2022 से जेल में है। एकल जज के समक्ष उसके वकील ने तर्क दिया कि ट्रायल कोर्ट द्वारा भेजी गई स्टेटस रिपोर्ट में दर्ज है कि सभी अभियोजन पक्ष के गवाहों की जांच की गई। जल्द ही CrPC की धारा 313/बचाव साक्ष्य के तहत कार्यवाही के लिए मंच तैयार किया जाएगा।

यह भी तर्क दिया गया कि आवेदक द्वारा उक्त महत्वपूर्ण गवाहों को प्रभावित करने या साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने की कोई संभावना नहीं है तथा उसके निरंतर कारावास के कारण वह प्रभावी बचाव रणनीति तैयार करने में अक्षम हो जाएगा तथा अपने समर्थन में साक्ष्य एकत्र करने में भी असमर्थ हो जाएगा।

प्रभात गंगवार बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के मामले में हाईकोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए, जिसमें अभियुक्त के अपने बचाव की तैयारी करने तथा अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए निचली अदालत के समक्ष उसे प्रस्तुत करने के लिए साक्ष्य एकत्र करने के अधिकार पर बल दिया गया था, एकल जज ने उसे जमानत दी।

उसे निर्देश दिया गया कि वह मुकदमे के दौरान साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ न करे या किसी गवाह को प्रभावित न करे तथा निर्धारित तिथि पर निचली अदालत के समक्ष उपस्थित हो जब तक कि व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट न दी जाए।

केस टाइटल- टिंकू भार्गव @ यतेंद्र बनाम उत्तर प्रदेश राज्य 2025 लाइव लॉ (एबी) 196

Tags:    

Similar News