इलाहाबाद हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से याचिकाएं जिला न्यायालयों के ई-सेवा केंद्रों से दायर की जा सकेंगी, फोटो पहचान सत्यापन हटाया जाएगा

Update: 2024-08-12 07:37 GMT

एडवोकेट के.सी. जैन द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत दायर आवेदन के जवाब में रजिस्ट्रार, केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जो याचिकाकर्ता व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना चाहते हैं, वे जिला न्यायालयों के ई-सेवा केंद्रों से अपनी याचिकाएं ई-फाइल कर सकते हैं।

यह कहा गया कि ऐसे याचिकाकर्ताओं के फोटो पहचान सत्यापन का विकल्प ई-सेवा केंद्रों पर दाखिल करने की प्रक्रिया से हटा दिया जाएगा।

इसका मतलब यह है कि यदि कोई याचिकाकर्ता इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना चाहता है तो उसे अब निर्धारित फोटो हलफनामे केंद्रों पर फोटो पहचान सत्यापन के लिए प्रयागराज या लखनऊ जाने की आवश्यकता नहीं है। वे जिला न्यायालय के ई-सेवा केंद्रों से सीधे इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपनी याचिका दायर कर सकते हैं।

हालांकि यह कहा गया कि याचिकाकर्ता को ई-सेवा केंद्र पर शारीरिक रूप से उपस्थित होना चाहिए और याचिकाकर्ता की तस्वीर के साथ स्कैन किए गए नोटरीकृत हलफनामे का उपयोग किया जा सकता है।

उत्तर में यह कहा गया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 23.04.2024 को पत्र के माध्यम से सभी जिला जजेस को पहले ही निर्देश जारी कर दिया है।

परिवर्तन लाने के लिए मोहम्मद अनस चौधरी बनाम रजिस्ट्रार जनरल, इलाहाबाद हाईकोर्ट में 15.04.2024 को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर भरोसा किया गया।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के अनुपालन में हाईकोर्ट ने पत्र संख्या 3609/सीपीसी/ई-कोर्ट्स/इलाहाबाद दिनांक 23.04.2024 जारी कर सभी जिला जजेस को उत्तर प्रदेश के जिला न्यायालयों में ई-सेवा केंद्रों का अधिकतम उपयोग करने तथा इलाहाबाद हाईकोर्ट नियमावली के अध्याय 24 के नियम 3-ए का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सूचित किया, जिसके तहत याचिकाकर्ताओं को जिला न्यायालयों के ई-सेवा केंद्रों पर शारीरिक रूप से उपस्थित होना आवश्यक है।

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