वित्तीय सेवा प्रदाता इंसोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी एक्ट के अधिकार क्षेत्र केबाहर : एनसीएलएटी [निर्णय पढ़ें]

Update: 2018-10-24 05:11 GMT

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने कहा है कि वित्तीय सेवा प्रदाता जैसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ इंसोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी एक्ट (आई एंड बी) कोड के दायरे से बाहर हैं।

 न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय (अध्यक्ष) और न्यायमूर्ति बंसी लाल भट (न्यायिक सदस्य) ने इस बारे में आदेश जारी किया। मामलारणधीरज ठाकुर, निदेशक, मेफेयर कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड बनाम निदेशक, जिंदल सक्सेना फाइनेंशियल सर्विसेज और मेफेयर कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित है।

 पीठ ने कहा, “यदि आई एंड बी संहिता की पूरी योजना देखी जाए, तो यह स्पष्ट है कि यह समयबद्ध तरीके से ‘निगमित व्यक्ति’,‘साझेदारी की फ़र्में’ और ‘व्यक्ति’संहिता 'कॉर्पोरेट व्यक्तियों', साझेदारी फर्मों और 'व्यक्तिगत' को मजबूत करने और  संशोधित करने के लिए है। और यह पुनर्गठन और इंसोल्वेंसी प्रस्ताव की दृष्टि से आत्मनिर्भर संहिता है।

 हालांकि, कोड को लागू करते समय 'वित्तीय सेवा प्रदाताओं' को कोड के दायरे से बाहर रखा गया है, जबकि इसमें एक अपवाद किया गया। एक समेकित कानून होने के नाते केवल ऐसे ही उन कार्यों की अनुमति दी गई है जिसका संहिता में उल्लेख है और इसे 'गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों' और एमएफआई के बैंकों सहित 'वित्तीय सेवा प्रदाताओं' पर लागू नहीं किया जा सकता है, जिन्हें कोड के दायरे से बाहर रखा गया है”।

 मेफेयर ने एनसीएलएटी से पिछले साल जून में फैसला लेने वाले प्राधिकरण द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने के लिए संपर्क किया था, जिससे संहिता की धारा 7 के तहत जिंदल के आवेदन को स्वीकार किया गया था।

 एनसीएलएटी ने नोट किया कि जिंदल और मेफेयर के बीच एक 'अंतर कॉर्पोरेट जमा समझौता' हुआ था, जो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी है। एनसीएलएटी ने यह नोट भी किया कि ने यह आगे ध्यान दिया गया कि कोड की धारा 3 (16) के तहत माईफेयर ने जिंदल से जमा स्वीकार करके वित्तीय सेवाएं शुरू की थीं। इसलिए यह नहीं माना जा सकता है कि सार्वजनिक जमा के लिए राशि स्वीकार की गई थी।

 "इस वजह से इस लेनदेन के संदर्भ में मेफेयर कैपिटल प्रा. लि. को  ‘निगमित देनदार’ नहीं माना जा सकता। मेफेयर कैपिटल प्रा. लि. (दूसरा प्रतिवादी), चूंकि एक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी है, और यह आई एंड बी कोड की धारा 3 की उपधारा (7) के तहत‘निगमित व्यक्ति’ की परिभाषा के बाहर है, इसलिए धारा 7 के तहत आवेदन' मेफेयर कैपिटल प्रा. लि. के खिलाफ स्वीकार नहीं किया जा सकता,” अपीली प्राधिकरण ने कहा।

इस प्रकार आदेश देने वाले प्राधिकरण के इस और अन्य संबंधित आदेश को निरस्त कर दिया गया जिसमें एक interim resolution professional, प्रतिबंध की घोषणा और खाते पर रोक लगाने जैसे आदेश शामिल थे।


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