मानसिक अस्पताल में बेटी को रखने का मामला : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को आंशिक रूप से स्थगित किया; माँ-बाप को मुआवजे की 50 फीसदी राशि बेटी को देने को कहा [आर्डर पढ़े]

Update: 2018-05-18 08:44 GMT

अपनी बेटी को उसके संगीत के शिक्षक के घर उठाकर मानसिक अस्पताल में डालने के दोषी माँ-बाप को अपनी बेटी को मुआवजा देने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को आंशिक रूप से स्थगित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने लड़की के माँ-बाप को अब निर्देश दिया है कि उनकी बेटी को मिलने वाली मुआवजा राशि का 50 फीसदी हिस्सा वे अपनी बेटी को दें।

माँ-बाप और अस्पताल दोनों ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने अपने आदेश में कहा, “दलील सुनने के बाद हमारा मानना है कि यह निर्देश देना उचित होगा कि याचिकाकर्ता/माँ-बाप लड़की को मुआवजे की 50 फीसदी राशि अपनी बेटी को दें। शेष राशि जो कि माँ-बाप को देना है, उस राशि को स्थगित किया जाता है।”

अस्पताल को विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने की अनुमति देते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया कि संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया सुप्रीम कोर्ट से पूछेगी।

पृष्ठभूमि

हाई कोर्ट ने संगीत शिक्षक के घर से 11 जून 2017 को बेटी को जबरदस्ती उठाकर उसे मानसिक अस्पताल में भर्ती करा देने के पिता की कार्रवाई को गैरकानूनी बताया था और कहा था कि यह उस लड़की के मौलिक अधिकारों का हनन है।


 Full View

Similar News