राम जेठमलानी BJP को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के कर्नाटक के गवर्नर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

Update: 2018-05-18 04:47 GMT

गुरुवार को मैराथन मध्यरात्रि की सुनवाई के बाद  वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने भाजपा को राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के कर्नाटक के गवर्नर के फैसले को चुनौती देते हुए अपनी व्यक्तिगत क्षमता में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की  और कहा कि यह "संवैधानिक शक्ति का सकल दुरुपयोग है।”

भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड की पीठ ने हालांकि जेठमलानी को तीन न्यायाधीश बेंच के समक्ष अपनी दलीलें देने का निर्देश दिया, जिन्होंने शुरुआती घंटों में मामला सुना था। इसलिए उन्हें जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एस ए बोबडे और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ  के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है, जो 18 मई को कांग्रेस पार्टी और जनता दल (सेक्युलर) (जेडी (एस)) द्वारा दायर याचिकाओं की सुनवाई करेगी।

 12 मई के चुनावों में बीजेपी 104 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी जबकि कांग्रेस ने 78, जेडी (एस) 37 सीटों को सुरक्षित किया। साथ में दोनों पक्षों ने बहुमत हासिल किया और जेडी (एस) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने सरकार बनाने के लिए दावा किया।

 हालांकि राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया और विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन दिए।

परेशान दोनों पक्षों ने सर्वोच्च न्यायालय के दरवाजे पर दस्तक दी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने आज सुबह सुनवाई में बीएस येदुरप्पा के कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने पर रोक लगाने से इंकार कर दिया और दोनों पक्षों को निर्देश दिया कि वह राज्यपाल को भेजे गए पत्र शुक्रवार को कोर्ट में प्रस्तुत करें ।

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