जगदीश टाइटलर को राहत नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने एक साल में ट्रायल पूरा करने के आदेश दिए

Update: 2018-01-04 12:36 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार और फर्जीवाडे के मामले में कांग्रेसी नेता जगदीश टाइटलर को राहत नहीं दी है। उनके खिलाफ निचली अदालत में ट्रायल चलता रहेगा।

गुरुवार को जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस एम शांतनागौदर की बेंच ने दिल्ली की अदालत को एक साल में ट्रायल पूरा करने के आदेश भी दिए हैं। टाइटलर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने आरोपों को रद्द करने की मांग की थी।

दरअसल इसी साल 17 अक्तूबर को दिल्ली हाईकोर्ट  ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जगदीश टाइटलर और विवादस्पद हथियार कारोबारी अभिषेक वर्मा को राहत देने से इनकार कर दिया था और  उनके खिलाफ मुकदमा चलाने को हरी झंडी दे दी थी।  हाईकोर्ट ने विशेष अदालत द्वारा मुकदमा चलाने के लिए आरोप  तय करने के फैसले को सही ठहराया था। इसे टाइटलर ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

गौरतलब है कि टाइटलर और वर्मा पर वर्ष 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को संबोधित एक फर्जी पत्र के कथित इस्तेमाल का मुकदमा चल रहा है। दोनों ने निचली अदालत के 9 दिसंबर, 2015 के फैसले को रद्द करने की मांग की थी। विशेष अदालत ने कहा था कि इस बात के साक्ष्य हैं कि आरोपी को वर्मा और जेडटीई टेलीकॉम इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों के बीच हुए लेनदेन की प्रकृति और उसके उद्देश्य के बारे में पूरी जानकारी थी। दोनों के खिलाफ ट्रायल कोर्ट ने 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फर्जी लेटरहेड पर पत्र लिखने के मामले में आरोप तय किए थे। दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420,471,511 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 8 के तहत सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया था।

दोनों पर जेडटीई टेलीकॉम नामक कंपनी के अधिकारियों के साथ धोखाधड़ी कर पचास लाख रुपए ठगने का आरोप है। आरोप है कि दोनों ने तत्कालीन गृह राज्यमंत्री अजय माकन के फर्जी लेटरहेड के जरिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर जेडटीई टेलीकॉम कंपनी के अधिकारियों के वीजा के मामले को हल करवाने का भरोसा दिया था।

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