गुडगांव में ही होगी रेयान केस की सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने कहा बार को ये अधिकार नहीं कि वो आरोपी के लिए कोई वकील पेश ना होने का प्रस्ताव पास करे
रेयान इंटरनेशनल स्कूल के उत्तरी जोन के हेडफ्रांसिस थॉमस के ख़िलाफ़ दर्ज मामले की सुनवाई गुड़गांव कोर्ट में ही होगी। फ्रांसिस थॉमस की केस को हरियाणा से दिल्ली ट्रांसफर करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ किया है। फ्रांसिस ने याचिका वापस ले ली है।
सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी भी आरोपी का है अधिकार है कि उसके लिए कोई वक़ील अदालत में पेश हो।किसी भी बार एसोसिएशन का ये अधिकार नही की वो इस तरह का कोई प्रस्ताव पास करे कि आरोपी के लिए कोई वकील पेश नही होगा।
दरअसल फ्रांसिस की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने कहा कि बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव पास किया है कि कोई भी वकील आरोपियों के लिए पेश नहीं होगा।इस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुड़गांव बार एसोसिएशन को कहा है कि वो इस बात का ध्यान रखेंगे कि आरोपी के तरफ से कोई वकील या परिवार वाला कोर्ट में आता है तो उसमें कोई व्यावधान पैदा नही करेगा। वहीं मामले की सुनवाई के दौरान गुड़गांव बार एसोसिएशन के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ये प्रस्ताव वापस ले लिया गया है।
दरअसल छात्र की हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी रेयान इंटरनेशनल स्कूल के उत्तरी जोन के हेड फ्रांसिस थॉमस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में केस को हरियाणा से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की गई थी।इस याचिका में कहा गया था कि गुड़गांव और सोहना बार एसोसिएशन ने इंकार किया है कि कोई वकील उनका केस नहीं लडेगा। एेसे में अनुच्छेद 21 के तहत फ्री एंड फेयर ट्रायल के अधिकार का उल्लंघन होता है।
आरोपी की इस याचिका में कहा गया कि मामले की सुनवाई दिल्ली में हो तो बेहतर होगायहां तक कि कस्टडी में दोनों से वकीलों को भी मिलने भी नहीं दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि साल साल के छात्र की हत्या के मामले में सोहना पुलिस ने स्कूल के रीजनल हेड फ्रांसिस थॉमस और एचआर हेड जॉयस थॉसम को 11 सितंबर को 75 ज्वूनाइल जस्टिस एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। दोनों पुलिस रिमांड पर भेजे गए थे और अब उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।