ट्रांसजेंडर की अर्जी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने डीयू और सीबीएसई को नोटिस जारी किया
दिल्ली हाई कोर्ट ने उस याचिका पर केंद्र, सीबीएसई और दिल्ली यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया है जिसमें याचिकाकर्ता ट्रांसजेंडर ने गाइडलाइंस को चुनौती दी है। गाइडलाइंस में नाम और जेंडर बदलने के लिए पब्लिक नोटिस जारी करने का प्रावधान है।
याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा कि उसने सीबीएसई रेकॉर्ड में नाम और जेंडर में बदलाव के लिए तमाम कोशिश की और डीयू में भी इसके लिए प्रयास किया लेकिन फेल रही।
याचिकाकर्ता के वकील यशराज सिंह देउरा ने कहा कि आमतौर पर ट्रांसजेंडर भेदभाव के शिकार होते हैं क्योंकि इनकी अपनी पहचान होती है। याचिकाकर्ता के सीबीएसई और डीयू के रेकॉर्ड में पुरुष बताया गया है। दो बार उनकी ओर से आवेदन डाला गया कि उसका नाम और जेंडर चेंज किया जाए लेकिन सीबीएसई की गाइडलाइंस कहती है कि रेकॉर्ड में तभी बदलाव होगा जब इसके लिए पब्लिकेशन होगा। वहीं यूनिवर्सिटी का नियम के मुताबिक नाम और जेंडर में तभी चेंज होगा जब सीबीएसई के रेकॉर्ड में पहले बदलाव होगा। वहीं डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिकेशन के लिए जरूरी है कि सेक्स सर्जरी के बारे में बताया जाए। याचिकाकर्ता
ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में दिए आदेश में कहा था कि सेक्स सर्जरी फिर से कराने के लिए आग्रह या दबाव डालना गैर कानूनी है।