संभल के रयान बुज़ुर्ग गांव की मस्जिद प्रबंधन ने राज्य सरकार के विध्वंस नोटिस के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया

Shahadat

4 Oct 2025 9:47 AM IST

  • संभल के रयान बुज़ुर्ग गांव की मस्जिद प्रबंधन ने राज्य सरकार के विध्वंस नोटिस के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया

    संभल की रयान बुज़ुर्ग मस्जिद के प्रबंधन ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए विध्वंस नोटिस को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

    जस्टिस दिनेश पाठक की स्पेशल बेंच ने मामले की सुनवाई की। अदालत 29 सितंबर से अवकाश पर है।

    मस्जिद प्रबंधन ने उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 की धारा 67 के तहत कार्यवाही में सक्षम प्राधिकारी द्वारा पारित 2 सितंबर के आदेश को चुनौती दी।

    प्रशासन ने हाल ही में मस्जिद को यह दावा करते हुए नोटिस दिया कि यह गाँव में खाद के गड्ढे/तालाब की ज़मीन पर बनी है। हालांकि, मस्जिद प्रबंधन समिति के प्रतिनिधियों के अनुरोध पर प्रशासन ने उन्हें 4 दिनों के लिए अस्थायी रोक लगा दी थी।

    रिट याचिका में मस्जिद के खिलाफ शुरू की गई सभी कार्यवाहियों पर भी सवाल उठाए गए हैं, जिनमें 26 जून, 2025 का नोटिस बिना तारीख वाला कारण बताओ नोटिस, 2 सितंबर, 2025 का तामील न हुआ आदेश और 30 सितंबर, 2025 का विध्वंस नोटिस शामिल हैं।

    याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि ये नोटिस सुप्रीम कोर्ट द्वारा 13 नवंबर, 2024 के अपने फैसले में जारी अनिवार्य अखिल भारतीय निर्देशों का 'घोर उल्लंघन' हैं।

    उन्होंने आगे एक निर्देश की मांग की, जिसमें अधिकारियों को कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना संभल के गांव रायन बुजुर्ग में मस्जिद और उसके आस-पास के अस्पताल को ध्वस्त करने या उसमें हस्तक्षेप करने से रोका जाए।

    शुक्रवार को अदालत ने याचिकाकर्ताओं के वकील से 2 सितंबर के आदेश की उपलब्धता के बारे में पूछताछ की। वकील ने कहा कि आदेश उन्हें तामील नहीं किया गया।

    हालांकि, अदालत ने नोट किया कि 4 जुलाई, 2025 की आपत्ति से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि याचिकाकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा (यूपी) अधिनियम, 1963 की धारा 67 के तहत कार्यवाही में भाग लिया था।

    इस स्तर पर मुख्य सरकारी वकील ने विवादित आदेश की एक फोटोस्टेट प्रति प्रस्तुत की, जिसे याचिकाकर्ताओं के वकील को सौंपा गया।

    अध्ययन के बाद याचिकाकर्ताओं के वकील ने आदेश को हलफनामे के साथ रिकॉर्ड पर रखने और याचिकाकर्ताओं द्वारा हस्ताक्षरित नया उपस्थिति ज्ञापन (वकालतनामा) दाखिल करने के लिए 12 घंटे का समय मांगा और उन्हें यह समय प्रदान किया गया।

    अब इस मामले की सुनवाई शनिवार, 4 अक्टूबर, 2025 को प्रातः 10:00 बजे उपयुक्त पीठ के समक्ष होगी।

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