पीसीएस-जे 2022 | UPPSC ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष 50 अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा मेरिट सूची तैयार करने में 'त्रुटि' स्वीकार की
LiveLaw News Network
4 July 2024 4:21 PM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने 50 पीसीएस-जे (प्रांतीय सिविल सेवा-न्यायिक) 2022 अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा की मेरिट सूची तैयार करने में त्रुटि स्वीकार की है।
उक्त दलील के मद्देनजर हाईकोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के चेयरमैन से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा, जिसमें उन 50 अभ्यर्थियों की कॉपियों में अंकों में किए जाने वाले बदलाव के बारे में बताया जाए, जिनकी कॉपियों को आपस में बदल दिया गया था और उन पर अंक लगा दिए गए थे।
यह घटनाक्रम एक अभ्यर्थी द्वारा दायर रिट याचिका में हुआ, जो मई 2023 में उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) (मुख्य) परीक्षा 2022 में शामिल हुआ था।
मूल रूप से, अपने अंकों से असंतुष्ट, जिन्हें नवंबर 2023 में सार्वजनिक किया गया था, याचिकाकर्ता (श्रवण पांडे) ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन किया और उसने पाया कि उसे अंग्रेजी के पेपर में 200 में से केवल 47 अंक मिले थे।
इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी छह उत्तर पुस्तिकाओं के लिए आवेदन किया। उत्तर पुस्तिकाओं को देखने पर याचिकाकर्ता ने पाया कि अंग्रेजी के पेपर की लिखावट अन्य सभी पेपरों से भिन्न थी और उसके हिंदी पेपर के उत्तरों के अंतिम 3-4 पृष्ठों में अंक काट दिए गए थे।
पिछले महीने मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस मनीष कुमार निगम की अवकाश पीठ ने यूपीपीएससी को याचिकाकर्ता की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने और उसकी लिखावट की तुलना करने का निर्देश दिया।
इसके बाद यूपीपीएससी के सचिव ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया कि अंग्रेजी पेपर के लिए 25 अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं 25 अन्य अभ्यर्थियों के साथ बदल दी गई थीं, जिसके परिणामस्वरूप याचिकाकर्ता (पांडे) सहित अभ्यर्थियों को गलत अंक दिए गए।
इस दलील को ध्यान में रखते हुए जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने अपने आदेश में दर्ज किया:
“यूपीपीएससी के अनुसार, अंग्रेजी पेपर की उत्तर पुस्तिकाओं के दो बंडलों पर चिपकाए गए मास्टर फेक कोड की चेकलिस्ट आपस में इस तरह बदल गई कि लिखित परीक्षा की मेरिट सूची तैयार करते समय 25 उम्मीदवारों के एक सेट के अंक 25 उम्मीदवारों के दूसरे सेट के अंकों से बदल गए। हालांकि आयोग ने इस गलती को स्वीकार किया है, लेकिन अनुपालन हलफनामे में इस बात का कोई संकेत नहीं है कि लिखित परीक्षा की मेरिट सूची में इस गलती के कारण कोई बदलाव हुआ है।”
इसके अलावा, खंडपीठ ने कहा कि अंकों में बदलाव से वे उम्मीदवार बाहर हो जाएंगे जिनका पहले ही साक्षात्कार हो चुका है और वे उम्मीदवार शामिल हो जाएंगे जिन्हें गलती से कम अंक दिए गए थे। इसने यह भी कहा कि यूपीपीएससी को एक नई मेरिट सूची तैयार करनी होगी।
अंतिम मेरिट सूची तैयार करने के लिए यूपीपीएससी द्वारा दी गई समयसीमा की सराहना न करते हुए न्यायालय ने यूपीपीएससी के चेयरमैन को अंकों में परिवर्तन, साक्षात्कार के लिए बुलाए गए अभ्यर्थियों का विवरण तथा अंकों में परिवर्तन से प्रभावित होने वाले अभ्यर्थियों का विवरण तथा अंकों में सुधार किए जाने के पश्चात साक्षात्कार के लिए पात्र अभ्यर्थियों का विवरण देते हुए अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के लिए 5 दिन का समय दिया है।
यूपीपीएससी के चेयरमैन को निम्नलिखित मुद्दों के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करना है:
(i) 22.06.2024 की जांच रिपोर्ट में उल्लिखित त्रुटि के मद्देनजर अंकों में परिवर्तन को ठीक किया जाना है;
(ii) सुधार किए जाने के बाद साक्षात्कार के लिए बुलाए जाने के लिए अयोग्य अभ्यर्थियों का पूर्ण विवरण, साथ ही मूल रूप से दिए गए अंक तथा सुधारे गए अंक;
(iii) साक्षात्कार के लिए बुलाए जाने वाले अभ्यर्थियों का पूर्ण विवरण, साथ ही मूल रूप से दिए गए अंक तथा सुधारे गए अंक।
(iv) यदि किसी/सभी उत्तर पुस्तिकाओं (यूपी पीसीएस-जे परीक्षा 2022 के सभी छह पेपरों के पेपरवार) के संबंध में कोई अन्य गलती देखी गई हो, जिसमें मास्टर फेक कोड को आपस में बदला गया हो या उसके संबंध में इसी तरह की कोई अन्य त्रुटि हुई हो, तो उसका सटीक विवरण।
इस मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।