संभल की जामा मस्जिद की सफेदी से इनकार पर ASI की 'कोई प्रतिक्रिया नहीं' पर हाईकोर्ट ने फटकार लगाई, इसे 'कथित मस्जिद' बताया
Shahadat
13 March 2025 9:43 AM

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को एक सप्ताह के भीतर संभल की जामा मस्जिद की सफेदी कराने का निर्देश देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को मस्जिद के बाहरी हिस्से की सफेदी से इनकार करने में ASI की अपर्याप्त प्रतिक्रिया के लिए आलोचना की।
जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने अपने आदेश में कहा,
"इस न्यायालय को लगता है कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान कथित मस्जिद के बाहरी हिस्से की सफेदी कराने से इनकार करने पर ASI ने कोई उपयुक्त जवाब नहीं दिया।"
पीठ ने मस्जिद को 'कथित मस्जिद' बताया।
अदालत ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे पहले ASI से पूछा गया था कि क्या 'विवादित स्मारक' के बाहरी हिस्से की सफेदी की जरूरत है; हालांकि, बुधवार को ASI द्वारा दायर हलफनामे में इन विशिष्ट बिंदुओं को संबोधित नहीं किया गया।
सुनवाई के दौरान, अदालत ने ASI के वकील मनोज कुमार सिंह के इस दावे पर भी असंतोष व्यक्त किया कि मस्जिद प्रबंधन समिति कई वर्षों से मस्जिद की सफेदी कर रही थी, जिससे इसकी बाहरी दीवारों को नुकसान पहुंचा था।
अदालत ने इस संबंध में ASI की निष्क्रियता पर सवाल उठाया और सिंह से सख्ती से पूछा कि ASI के अधिकारियों ने इतने वर्षों के दौरान हस्तक्षेप क्यों नहीं किया, जबकि कथित नुकसान मस्जिद समिति की कार्रवाइयों के कारण हो रहा था।
पीठ ने यह भी कहा कि ASI सरकार के इशारे पर काम कर रही है।
जस्टिस अग्रवाल ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,
"आप 2010 में कहां थे और 2020 में कहां? अब तो 2024-25 में ही आप कार्रवाई कर रहे हैं। आपने कहा कि कई सालों से मस्जिद कमेटी सफेदी का काम कर रही है। आपने क्या किया? आप सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं। हमने बार-बार अनुमति दी है, फिर भी आप अपने कर्तव्य में विफल हो रहे हैं।"
मस्जिद प्रबंधन समिति की सफेदी की याचिका का निपटारा करते हुए बुधवार को पारित अपने 3-पृष्ठ के आदेश में इस न्यायालय ने ASI को निर्देश दिया कि वह स्मारकों के उन सभी हिस्सों में सफेदी का काम करे, जिनमें पपड़ी दिखाई दे रही है और सफेदी की आवश्यकता है।
न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि स्मारक को संभावित नुकसान से बचाने के लिए जामा मस्जिद की दीवारों पर कोई अतिरिक्त रोशनी नहीं लगाई जाए। हालांकि, इसने ASI को कथित मस्जिद के आसपास के क्षेत्र को रोशन करने के लिए बाहरी रोशनी, जैसे कि फोकस्ड या एलईडी लाइट का उपयोग करने की अनुमति दी।
अदालत के आदेश के अनुसार, इस पूरी प्रक्रिया का खर्च मस्जिद प्रबंधन समिति को उठाना होगा।
शाही जामा मस्जिद, संभल की प्रबंधन समिति ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) उत्तरी संभल की प्रतिक्रिया के बाद हाईकोर्ट का रुख किया था, जिसमें आगामी रमजान से पहले मस्जिद के लिए नियोजित रखरखाव कार्य के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई गई थी।