इलाहाबाद हाईकोर्ट ने OBC उप-वर्गीकरण पर जस्टिस रोहिणी आयोग की रिपोर्ट जारी करने की याचिका खारिज की
Shahadat
3 May 2024 11:52 AM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जस्टिस रोहिणी आयोग की दिनांक 21.07.2023 की रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की।
2 अक्टूबर 2017 को भारत में ओबीसी (OBC) के बीच आरक्षण लाभों के अधिक न्यायसंगत वितरण को सुनिश्चित करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) जाति समूहों के उप-वर्गीकरण के लिए जस्टिस जी रोहिणी की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति रोहिणी आयोग का गठन किया गया था।
याचिकाकर्ता ने 2023 में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट को जारी करने के लिए परमादेश की मांग की। इसके विपरीत, प्रतिवादी के वकील ने प्रस्तुत किया कि रिपोर्ट भारत के संविधान के अनुच्छेद 340(2) के तहत भारत के राष्ट्रपति को सौंपी गई थी। उसके बाद संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखा गया। दलील दी गई कि प्रक्रिया पूरी होने तक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा सकती।
कहा गया,
“आयुक्त ने संविधान के अनुच्छेद 340 (2) के संदर्भ में और अनुच्छेद 340 (3) के संदर्भ में 31.07.2023 को राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट सौंपी है, उस पर की गई कार्रवाई के साथ रिपोर्ट को दोनों सदनों के समक्ष रखा जाना है। संसद की ओर से और जब तक निर्धारित प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक रिपोर्ट को सार्वजनिक डोमेन में नहीं रखा जा सकता है।
चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस विकास बुधवार की खंडपीठ ने माना कि प्रतिवादी वकील द्वारा प्रस्तुत निर्देश अनुच्छेद 340 के अनुसार है, इसलिए कोई मामला नहीं बनता।
तदनुसार, जनहित याचिका खारिज कर दी गई।
केस टाइटल: एकलव्य एजुकेशनल फाउंडेशन और अन्य बनाम भारत संघ और 2 अन्य लाइव लॉ (एबी) 282/2024 [सार्वजनिक हित याचिका (पीआईएल) नंबर - 667/2024]