इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मॉडिफाइड टाउनशिप प्लान में नोटिस प्रोसेस की लीगैलिटी पर सवाल उठाए, CEO नोएडा से एफिडेविट मांगा

Shahadat

5 Dec 2025 8:14 PM IST

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मॉडिफाइड टाउनशिप प्लान में नोटिस प्रोसेस की लीगैलिटी पर सवाल उठाए, CEO नोएडा से एफिडेविट मांगा

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में न्यू ओखला डेवलपमेंट अथॉरिटी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) से पर्सनल एफिडेविट मांगा। यह एफिडेविट उन अखबारों 'बिजनेस स्टैंडर्ड' और 'महामेधा' के सर्कुलेशन एरिया को तय करने के लिए है, जिनके ज़रिए मॉडिफाइड टाउनशिप प्लान मैप पर ऑब्जेक्शन मंगाए गए।

    याचिकाकर्ता एसोसिएशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स ऑफ पवेलियन कोर्ट एंड पवेलियन हाइट अपार्टमेंट्स ने 23.03.2011 के मंज़ूर लेआउट प्लान में किए गए कथित गैर-कानूनी बदलाव के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जो उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट (प्रमोशन ऑफ कंस्ट्रक्शन, ओनरशिप एंड मेंटेनेंस) एक्ट, 2010 के सेक्शन 5(3)(a) का सरासर उल्लंघन है। उन्होंने यह भी दलील दी कि अधिकारियों ने गैर-कानूनी कंस्ट्रक्शन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

    यह कहा गया कि प्रोजेक्ट “विश टाउन, जेपी ग्रीन्स” के लिए लेआउट प्लान 23.03.2011 को मंज़ूर हुआ था, पार्शियल कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद लगभग 7500 लोग इसमें रहने लगे हैं। यह दलील दी गई कि स्पोर्ट्स फील्ड के लिए तय जगह पर एक हॉस्पिटल और नर्सिंग होम बनाया जा रहा था। यह दलील दी गई कि यह उनके फंडामेंटल राइट्स का सरासर उल्लंघन है, क्योंकि मास्टर प्लान बदलने से पहले फ्लैट मालिकों से कोई मंज़ूरी नहीं ली गई।

    जब ओरिजिनल रिकॉर्ड कोर्ट के सामने रखे गए तो जस्टिस अजीत कुमार और जस्टिस स्वरूपमा चतुर्वेदी की बेंच ने कहा,

    “ओरिजिनल रिकॉर्ड देखने से यह साफ पता चलता है कि साल 2015 में रेस्पोंडेंट नंबर-3 ने रेवेन्यू अथॉरिटी की ज़रूरी मंज़ूरी के लिए नया बदला हुआ टाउनशिप प्लान जमा किया, जिसमें ओरिजिनल स्पोर्ट्स फील्ड एरिया में बदलाव भी शामिल था, जो अथॉरिटी द्वारा पहले मंज़ूर किए गए मैप का हिस्सा था। कार्रवाई से जुड़े डॉक्यूमेंट्स से पता चलता है कि अपार्टमेंट मालिकों को 30 दिनों के अंदर अपनी आपत्तियां मांगने के लिए नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया। नतीजतन नोटिस जारी किए गए। हालांकि, नोटिस एक अंग्रेजी अखबार 'बिजनेस स्टैंडर्ड' और दूसरे 'महामेधा' में छपे हैं।”

    अखबार और CEO, नोएडा के एफिडेविट को रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश देते हुए कोर्ट ने अथॉरिटी के वकील को भी कार्रवाई से जुड़े ओरिजिनल रिकॉर्ड फिर से पेश करने का निर्देश दिया, जिसके नतीजे में ओरिजिनल टाउनशिप प्लान मैप में बदलाव किया गया ताकि टाउनशिप प्लान में बदलाव के बाद प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए तय टाइमलाइन तय की जा सके।

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