इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा – नियुक्ति के समय उम्र कम थी, पर धोखाधड़ी नहीं हुई; फॉरेस्टर की नौकरी बहाल

Praveen Mishra

5 Nov 2025 3:50 PM IST

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा – नियुक्ति के समय उम्र कम थी, पर धोखाधड़ी नहीं हुई; फॉरेस्टर की नौकरी बहाल

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी वन मंडल के वन संरक्षक का 2003 का आदेश रद्द कर दिया, जिसके तहत 1991 में नियुक्त एक फॉरेस्टर का नियमितीकरण यह कहते हुए रद्द कर दिया गया था कि नियुक्ति के समय वह नाबालिग था।

    जस्टिस विकास बुधवार की पीठ ने कहा कि यह मामला धोखाधड़ी या गलत जानकारी का नहीं है और याचिकाकर्ता 1991 से सेवा में कार्यरत है। अदालत ने कहा कि उसकी नियुक्ति में यदि कोई गलती हुई भी, तो वह “अनियमितता” थी, “अवैधता” नहीं।

    मामले में याचिकाकर्ता को 1991 में वन दरोगा के रूप में नियुक्त किया गया था। 26 मार्च 2002 को उसकी सेवाएं नियमित हुईं, लेकिन 7 मई 2003 को इसे आयु के आधार पर रद्द कर दिया गया। हाईकोर्ट ने 14 जुलाई 2003 को उसे अंतरिम राहत दी थी और वह तब से निरंतर सेवा में है।

    कोर्ट ने कहा कि जब नियुक्ति के समय कोई छल या तथ्य छिपाने का मामला नहीं है, तो इतने वर्षों बाद सेवा समाप्त करना अनुचित है।

    अदालत ने 7 मई 2003 का आदेश रद्द करते हुए 26 मार्च 2002 का नियमितीकरण आदेश बहाल किया और याचिकाकर्ता को सभी कानूनी लाभों का हकदार माना।

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