इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओमेक्स बिल्डहोम को 25 करोड़ रुपये जमा करने तथा नोएडा में रुकी हुई परियोजनाओं में 50 अतिरिक्त फ्लैट जारी करने का निर्देश दिया
Shahadat
30 Jun 2025 3:32 PM IST

पिछले महीने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओमेक्स बिल्डहोम लिमिटेड को 25 करोड़ रुपये जमा करने तथा नोएडा में रुकी हुई परियोजनाओं में घर खरीदारों के पक्ष में पहले से जारी 170 फ्लैटों के अतिरिक्त 50 फ्लैट जारी करने का निर्देश दिया था।
बिल्डर/डेवलपर ओमेक्स बिल्डहोम लिमिटेड ने ग्रैंड ओमेक्स तथा फॉरेस्ट स्पा नामक आवासीय परियोजनाओं के विकास के लिए न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) से भूमि पट्टे पर ली थी। इन दोनों परियोजनाओं में याचिकाकर्ताओं, घर खरीदारों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, क्योंकि बिल्डर को फ्लैटों की पूरी कीमत चुकाने के बावजूद उनके पक्ष में त्रिपक्षीय समझौते निष्पादित नहीं किए जा रहे थे।
प्राधिकरण इसे निष्पादित नहीं कर रहा था, क्योंकि बिल्डर पट्टे समझौते के तहत 250 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान करने में विफल रहा था।
बिल्डर/डेवलपर को नोटिस जारी करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने निर्देश दिया था कि संपूर्ण बकाया राशि के भुगतान के अधीन, नोएडा अपने अधिकार क्षेत्र में ओमेक्स को किसी भी परियोजना के लिए कोई अधिभोग/पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं करेगा। ओमेक्स ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया।
जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार ने बिल्डरों/डेवलपर्स को विभिन्न छूट देकर एनसीआर क्षेत्र में रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एक योजना जारी की थी। इसका लाभ उठाते हुए ओमेक्स ने 93 करोड़ रुपये (कुल बकाया का 25%) से अधिक जमा कर दिया। इसके अनुसार, लंबित 678 में से 170 फ्लैटों को मुक्त कर दिया गया और उप-लीज विलेख निष्पादित करने का निर्देश दिया गया।
न्यायालय ने कहा कि अगली किस्तें 15.10.2025, 15.04.2026, 15.10.2026 और 15.04.2027 को देय थीं। बिल्डर के वकील ने तर्क दिया कि प्राधिकरण द्वारा शुल्कों की पुनर्गणना के खिलाफ एक सिविल रिवीजन दायर किया गया था। हालांकि, उन्होंने यह भी प्रस्ताव दिया कि यदि प्राधिकरण 50 और फ्लैट जारी करता है तो बिल्डर 25 करोड़ रुपये जमा करने के लिए तैयार है।
चूंकि इस प्रस्ताव पर प्राधिकरण द्वारा कोई आपत्ति नहीं थी, इसलिए न्यायालय ने निर्देश दिया,
"a) डेवलपर/बिल्डर द्वारा आज से दो सप्ताह के भीतर 25,000,0000/- रुपये जमा करने पर 170 फ्लैटों के अलावा 50 अतिरिक्त फ्लैट जारी किए जाएंगे। b) डेवलपर द्वारा प्रदान की गई घर खरीदारों की सूची, क्रेता बिल्डर समझौते की तिथि/आवंटन की तिथि के साथ-साथ पूरक हलफनामों के आधार पर उन फ्लैटों के संबंध में उप-लीज विलेखों के निष्पादन का आधार बनेगा, जो पहले ही जारी किए जा चुके हैं या तत्काल आदेश के अनुसार जारी किए जाएंगे।"
चूंकि घर खरीदने वालों के वकील ने मामले को लंबित रखने पर जोर दिया ताकि डेवलपर और न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण से स्थिति रिपोर्ट मांगी जा सके, इसलिए अदालत ने निर्देश दिया कि पहले के अंतरिम आदेश को उपरोक्त निर्देशों के साथ संशोधित किया जाए और नोएडा को अगली सुनवाई की तारीख पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जाए।
केस टाइटल: तरुण कपूर और 29 अन्य बनाम न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण और 2 अन्य [रिट - सी संख्या - 10854/2018]

