इलाहाबाद हाईकोर्ट ने UPPSC मुख्य परीक्षाएं निर्धारित समय पर आयोजित करने का निर्देश दिया, परिणाम अपील के परिणाम के अधीन
Shahadat
27 Sept 2025 10:58 AM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिंगल जज के उस आदेश पर रोक लगाई, जिसके तहत विभिन्न पदों के लिए UPPSC मुख्य परीक्षा प्रारंभिक परीक्षा की नई मेरिट सूची तैयार होने तक स्थगित कर दी गई थी।
अतिरिक्त उल्लेख पर सिंगल जज के आदेश के विरुद्ध विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने कहा,
“तथ्यों और परिस्थितियों तथा मामले की तात्कालिकता को ध्यान में रखते हुए अंतरिम उपाय के रूप में हम प्रावधान करते हैं कि 28.09.2025 को होने वाली मुख्य परीक्षा, निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जा सकती है और यह निश्चित रूप से वर्तमान अंतर-न्यायालयीय अपील के परिणाम के अधीन होगी। इस बीच प्रतिवादी/अपीलकर्ता आयोग को मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित करने से रोका जाता है। तदनुसार, आक्षेपित निर्णय का प्रभावी भाग/अनुच्छेद '52' अगली सुनवाई की तिथि तक स्थगित रहेगा।”
सिंगल जज के आदेश के पैरा 52 में जस्टिस अजीत कुमार ने निर्देश दिया कि प्रारंभिक परीक्षा के लिए नई मेरिट सूची तैयार होने तक मुख्य परीक्षा स्थगित कर दी जाए। इस आदेश को शुक्रवार को हाईकोर्ट में विशेष अपील में इस आधार पर चुनौती दी गई कि मुख्य परीक्षा से संबंधित सभी तैयारियां कर ली गईं, जिसमें केंद्रों का आवंटन, प्रवेश पत्र जारी करना आदि शामिल है।
अदालत ने कहा,
“चूंकि परीक्षा 28.09.2025 को आयोजित होने वाली है। चूंकि उक्त परीक्षा में 7000 से अधिक अभ्यर्थी शामिल होंगे, इसलिए अंतिम समय में परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से भारी अराजकता और उपस्थित अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा। इसलिए न्याय में समता और संतुलन बनाए रखने के लिए परीक्षा को निर्धारित तिथि पर आयोजित करने की अनुमति देना न्याय के हित में होगा, लेकिन परिणाम विशेष अपील के अंतिम निर्णय के अधीन होगा।”
OBC उम्मीदवारों ने प्रारंभिक सूची के खिलाफ रिट कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, इस आधार पर कि जिन आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों ने अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों से अधिक अंक प्राप्त किए, उन्हें अनारक्षित श्रेणी में नहीं रखा गया।
सिंगल जज ने रिट याचिकाओं को स्वीकार करते हुए निर्देश दिया कि प्रारंभिक परीक्षा की मेरिट सूची इस सिद्धांत पर पुनः तैयार की जाए कि यदि आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों ने अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के बराबर या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं तो उन्हें अनारक्षित श्रेणी में रखा जाना चाहिए।
इसके आधार पर न्यायालय ने निर्देश दिया कि नई मेरिट सूची तैयार होने तक मुख्य परीक्षा स्थगित कर दी जाए।
Case Title: Public Service Commission - Up, Prayagraj Through Its Secretary v. State Of U.P. And 47 Others

