विजय माल्या के खिलाफ आर्थिक अपराध भगोड़ा कार्रवाई चलती रहेगी, सुप्रीम कोर्ट ने माल्या की अर्जी पर ED को नोटिस जारी किया

LiveLaw News Network

7 Dec 2018 1:36 PM GMT

  • विजय माल्या के खिलाफ आर्थिक अपराध भगोड़ा कार्रवाई चलती रहेगी, सुप्रीम कोर्ट ने माल्या की अर्जी पर ED को नोटिस जारी किया

    देश छोड़कर भागे किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या पर प्रवर्तन निदेशालय की आर्थिक अपराध भगोडा घोषित करने की कार्रवाई पर रोक नहीं लगेगी।

    सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एस के कौल की पीठ ने ये कहते हुए माल्या की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

    शुक्रवार को माल्या की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील फली नरीमन ने कहा कि उनके खिलाफ  ईडी की ‘ आर्थिक अपराध भगोडा’ घोषित करने की कार्रवाई मेनटेंबल नहीं है। इसके साथ ही एजेंसी को माल्या द्वारा दी गई नई पेशकश पर भी विचार करना चाहिए। उन्होंने 22 नवंबर के  बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की। लेकिन पीठ ने कहा कि सिर्फ नोटिस जारी किया जाता है। हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं रहेगी।

    दरअसल 22 नवंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने विजय माल्या द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्हें आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के जरिए PMLA के तहत शुरू की गई कार्रवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था।

     वहीं ईडी ने अपनी याचिका में मांग की है कि माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जाए और उनकी संपत्ति जब्त की जाए। नए एफईओ कानून के प्रावधानों के तहत उसे केंद्र के नियंत्रण में लाया जाए।

    ईडी ने कहा था कि माल्या का शुरुआत से ही लोन चुकाने का कोई इरादा नहीं था जबकि उनके और एमएस यूबीएचएल (यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स लिमिटेड) के पास पर्याप्त संपत्तियां थीं जो लोन चुकाने के लिए काफी थीं लेकिन माल्या ने जानबूझकर ऐसा किया है। इसलिए माल्या आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित किया जाए और उनकी  संपत्ति जब्त की जाए।

    इससे पहले 30 अक्तूबर को स्पेशल कोर्ट ने भी माल्या की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद माल्या इस मामले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचे थे।

    दरअसल, इस अधिनियम के तहत जिसे भी आर्थिक भगोड़ा घोषित किया जाता है तो उसकी संपत्ति तुरंत प्रभाव से जब्त कर ली जाएगी। इसके साथ-साथ आर्थिक भगोड़े की सूची में वो भी आता है जिसके विरूद्ध सूचीबद्ध अपराधों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया होता है।

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