फ़ैसले में अपनी राय व्यक्त करते हुए संक्षिप्त होने का ख़याल हमेशा ही रखा जाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़ें]

LiveLaw News Network

5 Dec 2018 10:10 PM IST

  • फ़ैसले में अपनी राय व्यक्त करते हुए संक्षिप्त होने का ख़याल हमेशा ही रखा जाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़ें]

    संक्षिप्त होना एक गुण है और जितना भी संभव है, अपनी राय का इज़हार करते हुए इसका पालन किया जाना चाहिए। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के 60 पृष्ठ के रिमांड आदेश के सिलसिले में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही।

    हाईकोर्ट ने अपने आदेश में तथ्यों का तफ़सील से ख़ुलासा किया था और कई मामलों में दिए गए फ़ैसलों का भी दुबारा उल्लेख किया गया और अंततः इस मामले को निचली अदालत को भेज दिया। उसने प्रथम अपीली अदालत को निर्देश दिया कि वह प्रथम अपील पर ग़ौर करे और कानून के आधार पर इसका निर्णय करे।

    न्यायमूर्ति एएम सप्रे और न्यायमूर्ति  इन्दु मल्होत्रा की पीठ ने हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को सही ठहराया।

    पीठ ने इस आदेश पर कहा, “इससे पहले कि हम इस मामले को बंद करें, हम यह कहे बिना नहि रह सकते कि…हाईकोर्ट को रिमांड के आदेश पर 60 पृष्ठ ख़र्च करने की ज़रूरत नहीं थी…हमारी राय में इसकी आवश्यकता नहीं थी।”


     
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