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पिछले 12 सालों से अलग रह रहे दंपति को बॉम्बे हाईकोर्ट ने तलाक़ की अनुमति दी [निर्णय पढ़ें]

LiveLaw News Network
27 Nov 2018 2:44 PM GMT
पिछले 12 सालों से अलग रह रहे दंपति को बॉम्बे हाईकोर्ट ने तलाक़ की अनुमति दी [निर्णय पढ़ें]
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने अलग रह रहे दंपति को यह कहते हुए तलाक़ की अनुमति दे दी है कि उनके बीच शादी अब मात्र काल्पनिक रूप में रह गया है।

न्यायमूर्ति अमजद सैयद और न्यायमूर्ति सुरेश गुप्ते की पीठ ने कहा कि इस दौरान दोनों के बीच एक ही बार सम्पर्क हुआ जब दोनों ने 12 साल पहले फ़ोन पर बात की। कोर्ट ने कहा, “दोनों के बीच फ़ोन पर 2006 से पहले बात हुई। इस समय हम 2018 में हैं। उनको अलग हुए इतने दिन हो गए हैं और इस दौरान सहवास शुरू करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। उनका एकमात्र बेटा अब 23 साल का है और वह अपने बाप से 20 साल से अधिक दिनों से अलग रह रहा है।

शैलेंद्र मधुकर भालेराव ने फ़ैमिली कोर्ट में तलाक़ की अर्ज़ी दी थी पर कोर्ट ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13(1) अधीन इसे ख़ारिज कर दिया। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की।

इन दोनों की शादी दिसम्बर 1994 में हुई और उनको एक बेटा हुआ जो अब 23 साल का है। पर फ़रवरी 1998 से दोनों अलग रह रहे हैं। दोनों के बीच इस दौरान सिर्फ़ फ़ोन पर बात हुई  और वह भी 2006 से पहले। पति ने अब आरोप लगाया है कि पत्नी ने उसे छोड़ दिया है और दोनों के बीच तलाक़ के लिए ज़रूरी अलग रहने की क़ानूनसम्मत अवधि बीत चुकी है और इसलिए अब उन्हें तलाक़ की अनुमति मिलनी चाहिए।

भालेराव को उनकी याचिका पर फ़ैसला सुनाते हुए कोर्ट ने दोनों के बीच लंबी अवधि के अलगाव का ज़िक्र किया और कहा कि उनकी ओर से सहवास की किसी संभावना का अंत किया जा रहा है।

इसलिए कोर्ट ने पारिवारिक अदालत के फ़ैसले को निरस्त कर दिया और अलग रहने के आधार पर उन्हें तलाक़ की अनुमति दे दी।

 

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