Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के फैसले को लागू करने के लिए देवासम बोर्ड ने मांगा वक्त, SC में याचिका [याचिका पढ़े]

LiveLaw News Network
19 Nov 2018 4:04 PM GMT
सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के फैसले को लागू करने के लिए देवासम बोर्ड ने मांगा वक्त, SC में याचिका [याचिका पढ़े]
x

केरल के सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मामले में त्रावणकोर देवासम बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से 28 सितंबर के सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के आदेश आदेश को लागू करने के लिए कुछ वक्त देने की गुहार लगाई है।

याचिका में इस मामले में बिगड़ी कानून व्यवस्था का हवाला दिया गया है। कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का व्यापक असर हुआ है और मंदिर को लेकर कानून व्यवस्था बिगड़ी है। इसके अलावा कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत महिलाओं के प्रवेश के लिए शौचालयों व अन्य व्यवस्था करने के लिए भी वक्त लगेगा क्योंकि पंबा व निलक्कल में CEC ने निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है। ये इलाका संरक्षित वन क्षेत्र में आता है।

ऐसे में जब तक बोर्ड कमेटी के सारे नियमों को पूरा नहीं करता तक वहां किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं हो सकता और ना ही महिलाओं के लिए सुविधाओं का इंतजाम हो सकता है। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को ये भी बताया है कि अभी तक 1000 महिलाओं ने मंदिर में दर्शन के लिए पंजीकृत कराया है।

बोर्ड ने गुहार लगाई है कि महिलाओं के लिए रेस्ट रूम, शौचालयों व सुरक्षा के मद्देनजर इंतजाम करने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने के लिए वक्त दिया जाए।

इससे पहले एक अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट  सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की  महिलाओं के प्रवेश के फैसले पर दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया। 13 नवंबर को फैसला किया गया कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस रोहिंटन एफ नरीमन, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की पीठ खुली अदालत में 22 जनवरी को सुनवाई करेगी। पीठ ने ये भी साफ किया कि इस दौरान 28 सितंबर के फैसले पर कोई रोक नहीं है।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में 28 सितंबर के पांच जजों के संविधान पीठ के फैसले को लेकर 49 पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की गई हैं। फैसले में 4:1 के बहुमत से कहा गया कि सभी उम्र की महिलाएं सबरीमला मंदिर में प्रवेश कर सकती हैं। पीठ ने 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक की परंपरा को अंसवैधानिक करार दिया है।

इसी पर पीठ ने चेंबर में विचार किया और फिर आदेश जारी किया। इससे पहले संविधान पीठ में शामिल चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा रिटायर हो चुके हैं और उनकी जगह चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने ली है।


 
Next Story