#MeToo मामलों पर दाखिल PIL पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार

LiveLaw News Network

19 Nov 2018 1:09 PM GMT

  • #MeToo मामलों पर दाखिल PIL पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार

    #MeToo को लेकर दाखिल जनहित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया।सोमवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ ने कहा कि वो याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करेंगे। कानून में पहले ये ही ऐसे मामलों के लिए प्रावधान हैं।

    वहीं जस्टिस के एम जोसेफ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ऐसे मामलों की सुनवाई नहीं कर सकता तो चीफ जस्टिस ने कहा कि मनोहर लाल शर्मा क्यों इस जनहित याचिका को लेकर आए हैं। कोर्ट ने इशारा किया कि कोई पीड़िता आती है तो कोर्ट मामले तो देखेगा।

    दरअसल #MeToo को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की गई थीं।

    पहली याचिका वकील एमएल शर्मा ने दाखिल की थी। अपनी याचिका में शर्मा ने कहा कि CrPc  की धारा 154 के तहत संज्ञान लेकर FIR दर्ज की जाए और मामले की जांच की जांच कर आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो। ऐसे मामलों में IPC की धारा 375, 376 यानी रेप या 354 छेडछाड़ जैसी धाराएं लगाई जाएं।

    साथ ही केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि यौन उत्पीडन के मामलों के ट्रायल के लिए स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए।शर्मा ने राष्ट्रीय महिला अधिकार आयोग ऐसी पीडिताओं को वित्तीय, कानूनी सहायता और सुरक्षा के साथ साथ उनकी पहचान को छिपाने के लिए कदम उठाने के निर्देश देने की मांग की है।

    वहीं वकील महेश कुमार तिवारी ने भी इस मुद्दे पर याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया कि जो सोशल मीडिया पर चल रहा है उसको लेकर पहले से ही कानून है। इसलिए जो भी आरोप ऑनलाइन लग रहे है उसके आधार पर FIR दर्ज न हो। पहले कानून के तहत इसकी जांच की जाए। याचिका में कहा गया कि केवल तीन महीने पुराने मामले में ही FIR दर्ज हो। उससे पुराने मामले में जांच और देरी के वाजिब आधार के बाद ही FIR दर्ज हो।

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