CBI निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार तक टाली, जांच रिपोर्ट दाखिल करने में देरी से नाराज SC
LiveLaw News Network
12 Nov 2018 11:06 PM IST
CBI Vs CBI मामले में CBI निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार तक टाल दी। इस दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने CVC पर जांच रिपोर्ट दाखिल करने में देरी पर नाराजगी जाहिर की। हालांकि सोमवार को CVC ने सीलकवर में जांच रिपोर्ट और 23 अक्तूबर के बाद से अंतरिम निदेशक के तौर पर एम नागेश्वर राव द्वारा लिए गए फैसलों की सूची पीठ को सौंपी गई।
सोमवार को सुनवाई के दौरान CVC की और से पेश SG तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें खेद है कि वो रविवार को ये रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल नहीं कर पाए। हालांकि दस नवंबर को ही जांच रिपोर्ट तैयार हो गई थी लेकिन बाइंडिंग व दूसरी तैयारी करने में देरी हो गई और रविवार को एक घंटे पहले रजिस्ट्री बंद हो गई।
वहीं चीफ जस्टिस ने कहा कि रजिस्ट्री खुली हुई थी और रविवार को उम्मीद थी कि ये रिपोर्ट दाखिल की जाएगी। लेकिन ना तो रिपोर्ट दाखिल की गई और ना ही इसकी सूचना दी गई।
वहीं इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि सरकार रात को दो बजे फैसला ले सकती है लेकिन रविवार को रिपोर्ट दाखिल नहीं कर सकती।
हालांकि पीठ ने दोनों रिपोर्ट को रिकार्ड पर लेते हुए इस मामले की सुनवाई 16 नवंबर को तय की है।
दरअसल 26 अक्तूबर को पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने CVC को दो हफ्ते में आलोक वर्मा पर लगे आरोपों की जांच पूरी कर सील कवर में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस ए के पटनायक को जांच की निगरानी का जिम्मा सौंपा था। कोर्ट ने ये भी निर्देश दिए थे कि सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव कोई भी नीतिगत फैसले नहीं लेंगे। कोर्ट ने 23 अक्तूबर से 26 अक्तूबर तक जांच अफसरों के ट्रांसफर समेत तमाम फैसलों की सील कवर में सूची मांगी थी।
गौरतलब है कि छुट्टी पर भेजे जाने के आदेश के खिलाफ सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
इस बीच केंद्र सरकार ने 23 अक्तूबर को सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया। इसके साथ ही ज्वाइंट डायरेक्टर एम. नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। करीब 13 अधिकारियों का तबादला भी कर दिया गया।
इससे पहले स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप में सीबीआई ने FIR दर्ज की है। FIR को रद्द करने की मांग को लेकर अस्थाना दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे और उन्हें मंगलवार को कोर्ट से राहत मिल चुकी है।