किसी भी पुलिसकर्मी को जूते और हथियार के साथ पुरी जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

LiveLaw News Network

10 Oct 2018 10:28 PM IST

  • किसी भी पुलिसकर्मी को जूते और हथियार के साथ पुरी जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

    पुरी के जगन्नाथ मंदिर में भक्तों के लिए कतार व्यवस्था शुरू करने के विरोध में 3 अक्तूबर को हुई हिंसा को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है।

    न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने बुधवार को कहा कि किसी भी पुलिसकर्मी को हथियार और जूते के साथ मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए।

     वहीं ओडिशा सरकार द्वारा पीठ को सूचित किया गया कि मंदिर में हिंसा के सिलसिले में 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और स्थिति अब नियंत्रण में है।

    राज्य सरकार ने पीठ को यह भी बताया कि मंदिर परिसर के अंदर कोई हिंसा नहीं हुई बल्कि मुख्य मंदिर से 500 मीटर की दूरी पर स्थित जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के कार्यालय पर हमला किया गया था। इस हिंसा के दौरान उसे तहस नहस कर दिया गया था।

    इस मामले में हस्तक्षेप करने वाले संगठन के लिए पेश वकील ने पीठ के समक्ष दावा किया कि पुलिसकर्मी हिंसा के दौरान बंदूक और जूते के साथ मंदिर में प्रवेश कर गए थे।

    पुलिस के अनुसार जगन्नाथ मंदिर जाने वाले भक्तों के लिए कतार व्यवस्था की शुरूआत के विरोध में एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन द्वारा बुलाए गए 12 घंटे के बंद के दौरान 3 अक्तूबर को हिंसा गई गई थी और इसके चलते नौ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। श्री जगन्नाथ सेना द्वारा बुलाया गया बंद हिंसक हो गया और भीड़ ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के कार्यालय को बर्बाद कर दिया।

    मंदिर के एक अधिकारी ने कहा था कि कतार व्यवस्था सिर्फ प्रयोग के लिए बनाई गई थी और अब इसकी समीक्षा की जा रही है क्योंकि  स्थानीय और बाहरी लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

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