सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पावर ऑफ एटॉर्नी का चेक के बाउंस होने की शिकायत दर्ज करना कानून के तहत जायज [आर्डर पढ़े]
LiveLaw News Network
2 Oct 2018 7:32 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई पावर ऑफ एटॉर्नी चेक के बिना भुगतान के वापस होने की शिकायत करता है तो यह शिकायत कानून के तहत जायज माना जाएगा और इस पर सुनवाई हो सकती है।
एसके तमिसुद्दीन बनाम जॉय जोसफ क्रीडो मामले में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, नवीन सिन्हा और केएम जोसफ ने एसी नारायणन बनाम महाराष्ट्र राज्य में भी इस फैसले को दुहराया।
इस मामले में विशेष पावर ऑफ एटॉर्नी ने साइराबी की ओर से चेक के बाउन्स होने की शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले के लंबित रहने के दौरान साइराबी की मौत हो गई। पावर ऑफ एटॉर्नी द्वारा दायर याचिका, जो कि साइराबी का बेटा भी है, ने इस मामले को जारी रखने की बात काही और निचली अदालत ने इसकी अनुमति दे दी।
हाईकोर्ट ने इस आधार पर इस कार्यवाही को खारिज कर दिया साइराबी के पावर ऑफ एटॉर्नी द्वारा चेक के बाउन्स होने की शिकायत दर्ज कराना गैर कानूनी है और साइराबी की मौत के बाद इस मामले को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए कहा, “साइराबी की मौत के बाद अपीलकर्ता द्वारा दायर अपील से संबन्धित मुकदमा जारी रहना था क्योंकि साइराबी के कानूनी वारिस ने इस आपराधिक मामले को जारी रखने की मांग की थी, ऐसा लगता है कि हाईकोर्ट ने यह समझा है कि पावर ऑफ एटॉर्नी के रूप में वह इस मामले को जारी रखना चाहता है। पीड़ित व्यक्ति के कानूनी वारिस का आपराधिक मामले को जारी रखने की मांग पर संदेह नहीं किया जा सकता,” पीठ ने कहा।