वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा के दौरान राज्य प्रायोजित कोई समारोह नहीं होनी चाहिए : राजस्थान हाईकोर्ट [निर्णय पढ़ें]

LiveLaw News Network

7 Sep 2018 7:48 AM GMT

  • वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा के दौरान राज्य प्रायोजित कोई समारोह नहीं होनी चाहिए : राजस्थान हाईकोर्ट [निर्णय पढ़ें]

    राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधार को वसुंधरा राजे सरकार को निर्देश दिया कि गौरव यात्रा के दौरान राज्य प्रायोजित कोई भी समारोह आयोजित नहीं किये जाएं।

     मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और जीआर मूलचंदानी ने अपने आदेश में कहा, “...हम घोषित करते हैं की राजस्थान में भाजपा द्वारा चालाई जा रही गौरव यात्रा के दौरान राज्य प्रायोजित या राज्य की वित्तीय मदद से कोई भी समारोह आयोजित नहीं होंगे। इसका अर्थ यह हुआ, की गौरव यात्रा के दिन किसी भी तरह के सरकारी कार्यक्रम उस रास्ते में आयोजित नहीं होंगे जिस रास्ते में भाजपा कार्यकर्ता गौरव यात्रा को रोकते हैं और कुछ देर बाद फिर शुरू करते हैं।”

     इस बारे में जनहित याचिका विभूति भूषण शर्मा ने दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए जनता के पैसे का प्रयोग किया जा रहा है। अपनी बात के समर्थन में उन्होंने पीडब्ल्यूडी द्वारा जारी एक ऑफिस आर्डर का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री की सार्वजनिक सभा के लिए यात्रा के दौरान वह टेंट, ध्वनि व्यवस्था उपलब्ध कराएगा।

     राज्य ने कहा था की मुख्यमंत्री की सुरक्षा का प्रबंध हमेशा ही राज्य की जिम्मेदारी होती है चाहे वह यात्रा सरकारी हो या गैर सरकारी। उसने आगे कहा कि स्वागत और सुरक्षा व्यवस्था पर खर्च होने वाली राशि को राजनीतिक रैली पर होने वाला खर्च नहीं माना जा सकता।

     कोर्ट ने इस यात्रा के लिए जारी निविदा पर गौर किया और कहा, “...जिन कार्यों के लिए निविदा जारी की गई है उसके बारे में बताया नहीं गया है। यह स्पष्ट है कि रोड-शो के दौरान सरकार के खर्चे पर सार्वजनिक मंच बनाए जाते हैं...तो आवश्यक निष्कर्ष यह है कि निविदा के तहत क्या काम होंगे इसकी जानकारी नहीं दी गई है पर मुख्यमंत्री जिस मंच पर खड़े होकर राजनीती रैली करेंगी उसको सरकारी पैसे से बनाया जा रहा है।”

     “...एक आम आदमी के लिए अगर गौरव यात्रा, जो कि एक राजनीतिक कार्यक्रम है, के दौरान एक राजनीतिक पार्टी के नेता जो कि इस मामले में मुख्यमंत्री खुद हैं, सार्वजनिक कार्यक्रमों का उदघाटन करती हैं, तो इसका मतलब यह हुआ कि यह सरकार की उपलब्धियों का गुणगान नहीं होकर उस राजनीति पार्टी का गुणगान है। इसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि गौरव यात्रा के दौरान कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किये जाएं।


     
    Next Story