मंदसौर में 8 साल की बच्ची से सामूहिक बलात्कार में 55 दिनों में आया फैसला, फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दो दोषियों को सुनाई मौत की सजा
LiveLaw News Network
22 Aug 2018 8:22 PM IST
मध्य प्रदेश के मंदसौर इलाके में 8 साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के प्रयास के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई है।
विशेष न्यायालय की जज निशा गुप्ता ने आठ वर्षीय स्कूली छात्रा का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार करने वाले इरफान (20) एवं आसिफ (24) को ये सजा सुनाते हुए इसे दुलर्भतम से भी दुर्लभ अपराध करार दिया।
इसी साल 26 जून में हुई इस घटना के 55 दिनों में ये फैसला आ गया है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक मंदसौर में इस आठ वर्षीय बच्ची को 26 जून की शाम मिठाई खिलाने का लालच देकर उस वक्त अगवा किया गया जब वह स्कूल की छुट्टी के बाद पैदल अपने घर जा रही थी।सामूहिक बलात्कार के बाद कक्षा तीन की इस छात्रा को जान से मारने की नीयत से उस पर चाकू से हमला भी किया गया था। उसके साथ इस तरह वहशीपन दिखाया गया कि वो बुरी तरह जख्मी हो गई। वह 27 जून की सुबह शहर के बस स्टैंड के पास झाड़ियों में लहूलुहान हालत में मिली थी। इस मामले में 15 सेकेंड के सीसीटीवी फुटेज के सहारे पुलिस ने घटना 48 घंटे बाद इरफान एवं आसिफ को गिरफ्तार किया था। इन गिरफ्तारी के पीछे सीसीटीवी फुटेज में आरोपी का चेहरा नहीं बल्कि दो अहम सुरागों की भूमिका सबसे ज्यादा आरोपी के जूते और हाथ में बंधे काले धागे की रही।
मध्यप्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने दोनों आरोपियों पर भादंवि की धारा 376-डी (सामूहिक बलात्कार), 376 (2एन), 366 (अपहरण), 363 (अपहरण के दण्ड) एवं पॉक्सो एक्ट से संबधित धाराओं के तहत 10 जुलाई को आरोप पत्र दाखिल किया था। जांच में पाया गया कि स्कूल का सीसीटीवी कैमरा ख़राब पड़ा था और गेट के पास पर लगा सीसीटीवी कैमरा ख़राब होने के अलावा ग़लत दिशा में भी था।
गौरतलब है कि इस घटना के विरोध में पूरे प्रदेश में लोग सड़क पर उतरे थे।नीमच-मंदसौर और रतलाम बंद रहे।बच्ची के पिता से लेकर आम जनता तक सबने दरिंदों को फांसी देने की मांग की थी।