गोरखपुर हेट स्पीच : योगी पर मुकदमा ना चलाने के हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया

LiveLaw News Network

21 Aug 2018 4:01 AM GMT

  • गोरखपुर हेट स्पीच : योगी पर मुकदमा ना चलाने के हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया

    सुप्रीम कोर्ट ने गोरखपुर में 2007 में हेट स्पीच देने के मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से राज्य सरकार के इनकार को स्वीकार करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार, गोरखपुर जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया है और चार हफ्ते में जवाब मांगा है।

    मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुआई वाली पीठ परवेज परवाज द्वारा दायर याचिका को सुनने पर सहमत हुई जिनकी याचिका पर गोरखपुर में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 2008 में आदित्यनाथ के खिलाफ एक आपराधिक मामला शुरू करने का आदेश दिया था।  यूपी सरकार की तरफ से अदालत में उपस्थित वरिष्ठ वकील अमन लेखी ने नोटिस स्वीकार कर लिया।

    23 फरवरी, 2018 के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका में परवाज ने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। कहा है कि राज्य पुलिस की CB-CID ​​द्वारा जांच शर्मनाक और अवैज्ञानिक थी। मुख्यमंत्री  पर मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी देने से इनकार करते हुए राज्य के मुख्य गृह सचिव ने कहा कि 3 मई, 2017 को CB-CID ​ ​​द्वारा दायर की गई मसौदा जांच रिपोर्ट में उनके खिलाफ मुकदमा शुरू करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे। यह भी ध्यान दिया गया कि आदित्यनाथ और चार अन्य लोगों के खिलाफ शिकायतकर्ता द्वारा प्रदान किए गए वीडियो सबूत (सीडी), अक्टूबर 2014 में केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को भेजे गए थे, जिनके साथ "छेड़छाड़" हुई थी।

     याचिका में इस तथ्य का भी उल्लेख किया गया कि गृह विभाग आदित्यनाथ के अधीन था जो "अपने स्वयं के कारण में न्यायाधीश" नहीं हो सकते। परवाज ने कहा है कि उन्होंने एक टेलीविजन शो के विवरण प्राप्त करने के लिए जांच अधिकारी को एक लिखित आवेदन दिया था जिसमें मुख्यमंत्री ने घटना को स्वीकार किया था। अपील के अनुसार राज्य राज्यपाल को इस मामले में फैसला लेना चाहिए था।

    दरअसल 27 जनवरी 2007 को गोरखपुर में सांप्रदायिक दंगा हुआ था। आरोप है कि इस दंगे में दो लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे। इस मामले में दर्ज एफआईआर में आरोप है कि तत्कालीन भाजपा सांसद योगी व अन्य ने रेलवे स्टेशन के पास भड़काऊ भाषण दिया था और उसी के बाद दंगा भड़का था। इस मामले में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के कई नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी और वो कुछ दिन जेल में रहे थे। इन लोगों पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए गोरखपुर  निवासी परवेज परवाज औरसामाजिक कार्यकर्ता असद हयात ने याचिका दायर की थी।  इस याचिका में गोरखपुर दंगों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका की फिर से सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग की गई थी।

    Next Story