सुप्रीम कोर्ट को मिले तीन नए जज, 7 अगस्त को लेंगे शपथ

LiveLaw News Network

5 Aug 2018 3:59 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट को मिले तीन नए जज, 7 अगस्त को लेंगे शपथ

    न्यायमूर्ति विनीत सरन, इंदिरा बनर्जी और केएम जोसफ को आगामी 7 अगस्त को शपथ दिलाया जाएगा। इनके आने से अब सुप्रीम कोर्ट में कुल जजों की संख्या 25 हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में कुल जजों की संख्या 31 है।

     सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई को तीन अनुशंसा की थी जिसमें न्यायमूर्ति जोसफ का नाम भी था जिसे केंद्र ने इस वर्ष अप्रैल में खारिज कर दिया था और इसके लिए दलील यह दिया था कि ऐसा करना अन्य हाईकोर्टों के दूसरे वरिष्ठ जजों के प्रति उचित नहीं होगा।

     न्यायमूर्ति जोसफ की नियुक्ति की चर्चा काफी समय से चल रही थी। उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के निर्णय के खिलाफ फैसला दिया था। कॉलेजियम ने इसके बाद मई 2016 में उनको उत्तराखंड हाईकोर्ट से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हाईकोर्ट में ट्रान्सफर करने का अनुरोध किया। पर इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

     इसके बाद गत वर्ष फरवरी में न्यायमूर्ति चेलामेश्वर ने न्यायमूर्ति जोसफ को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति नहीं किये जाने पर सवाल उठाया। जनवरी 2018 में अंततः कॉलेजियम ने उनको सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति देने की अनुशंसा की।

     कॉलेजियम के पाँचों जजों मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जे चेलामेश्वर, रंजन गोगोई, एमबी लोकुर और कुरियन जोसफ ने अपनी अनुशंसा में जोसफ को अन्य जजों की तुलना में बहुत ही योग्य माना और सुप्रीम कोर्ट में उनकी नियुक्ति की अनुशंसा की।

     प्रस्ताव में कहा गया कि उनके नाम का सुझाव करते हुए सभी मुख्य न्यायाधीशों और वरिष्ठ जजों की वरिष्ठता, उनकी मेरिट और उनकी ईमानदारी को ध्यान में रखा गया है।

     इसके बावजूद, केंद्र ने इस सुझाव को रद्द कर दिया। कॉलेजियम को भेजे अपने पत्र में केंद्र ने लिखा था कि वरिष्ठता क्रम में जोसफ देश के सभी जजों की वरिष्ठता सूची में 42वें स्थान पर आते हैं और इस समय देश के विभिन्न हाईकोर्टों के ग्यारह मुख्य न्यायाधीश उनसे वरिष्ठ हैं। इसके अलावा, उसने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का पिछले कुछ समय से कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।

     कॉलेजियम ने इसके बाद भी उनके नाम की अनुशंसा को तीन बार टाल दिया पर उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया।

    अब कई महीनों के प्रतिरोध के बाद, केंद्र ने उनकी नियुक्ति को अधिसूचित कर दिया है और वे 16 जून 2023 तक सुप्रीम कोर्ट के जज बने रहेंगे।

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