स्वच्छ भारत अभियान : उत्तराखंड हाईकोर्ट का निर्देश– उन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें जो शौचालय फंड को हड़प रहे हैं [आर्डर पढ़े]
LiveLaw News Network
28 Jun 2018 1:01 PM IST
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य को निर्देश दिया है कि राज्य में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बीपीएल परिवारों को शौचालय बनवाने के लिए दी जाने वाली राशि को जो हड़प रहे हैं उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाए।
न्यायमूर्ति लोक पाल सिंह और राजीव शर्मा की पीठ ने कहा, “स्वच्छ भारत मिशन 2014 केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई सबसे प्रशंसनीय परियोजना है जो कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और सफाई बना रखने के लिए शुरू किया गया है। राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा इस योजना के उद्देश्यों को विफल किया जा रहा है। यह संबंधित अधिकारियों का काम है कि वे केंद्र सरकार द्वारा दी गई राशि से शौचालय बनवाएं।”
कोर्ट ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय बनवाने के लिए पैसे दिए जाते हैं। शौचालय की एक इकाई बनवाने के लिए 12 हजार रुपए दिए जाते हैं और केंद्र सरकार इसमें 75% और राज्य सरकार 25% राशि का योगदान करती है। परियोजना प्रबंधक इस तरह के परिवारों की पहचान करने के बाद धन आवंटित करता है और इसके बाद यह ग्राम पंचायतों के खाते में जमा कराया जाता है।
हालांकि, कई गांववालों ने जिला मजिस्ट्रेट से शिकायत की कि अधिकारियों ने इस मद में जारी की गई राशि का दुरुपयोग किया है। इन लोगों ने आरोप लगाया कि महज कुछ ही शौचालय बनवाए गए और यहाँ तक कि मरे हुए लोगों के नाम पर पैसे दे दिए गए।
इनकी शिकायत की तहसीलदार ने जांच की और उस धन के दुरुपयोग के बारे में विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है जिसे शौचालय के निर्माण पर खर्च किया जाना चाहिए था।
इस रिपोर्ट पर गौर करते हुए कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को इस आदेश के साथ इस याचिका को निपटाया कि वह इस पर कार्रवाई करें। विभिन्न विभागों के प्रमुखों को भी निर्देश दिया गया है कि इस रिपोर्ट में जिन लोगों के शामिल होने की बात कही गई है उनके खिलाफ दो सप्ताह के भीतर कार्रवाई की जाए।