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गुजरात हाईकोर्ट ने बलात्कार की शिकार 15 वर्षीया को 3 लाख रुपए का मुआवजा देने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील को ठुकराया [आर्डर पढ़े]
![गुजरात हाईकोर्ट ने बलात्कार की शिकार 15 वर्षीया को 3 लाख रुपए का मुआवजा देने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील को ठुकराया [आर्डर पढ़े] गुजरात हाईकोर्ट ने बलात्कार की शिकार 15 वर्षीया को 3 लाख रुपए का मुआवजा देने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील को ठुकराया [आर्डर पढ़े]](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/08/Gujarat-High-Court-min.jpg)
गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य के गिर सोमनाथ जिला की बलात्कार पीड़ित 15 साल की लड़की को 3 लाख का मुआवजा दिए जाने के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की अपील को ठुकरा दी।
इस नाबालिग लड़की से 2015 में बलात्कार हुआ और दोषी को मार्च 2017 में सजा मिली। विशेष अदालत ने दोषी को 10 साल की कैद की सजा सुनाई थी और राज्य सरकार को इस लड़की को तीन लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया था।
पहले दिए गए आदेश के अनुसार राज्य ने तीन लाख का मुआवजा देने को चुनौती दी और इसके लिए जनवरी 2016 में जारी एक सर्कुलर का हवाला दिया जिसमें कहा गया था की राज्य में बलात्कार की शिकार को एक लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।
पर इस नाबालिग लड़की ने जुलाई 2016 में केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए एक सर्कुलर का हवाला दिया जिसमें कम से कम तीन लाख रुपए का मुआवजा देने की बात कही गई है। इसके बाद कोर्ट ने सरकार से कहा था की उसके आवेदन के लंबित रहने के दौरान उसे एक लाख का मुआवजा दे और 2 लाख रुपए उसके खाते में फिक्स कर दे।
गत सप्ताह इस मामले में अपने फैसले में न्यायमूर्ति आरपी ढोलारिआ ने कहा , “...चूंकि लड़की की उम्र लगभग 15 साल थी और वह बलात्कार की शिकार हुई है सो वह 3 लाख रुपए के मुआवजे की हकदार है और इस बारे में दिया गया आदेश सही है। इस तरह इस बारे में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा जारी आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।”