रेप मामले में UP के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को जमानत देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
LiveLaw News Network
16 May 2018 3:50 PM GMT

रेप के आरोपी और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। बुधवार को जस्टिस ए के सीकरी की अगुवाई वाली पीठ ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश ऐश्वर्या भाटी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि फिलहाल पीड़िता के बयान तक नहीं हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही ये FIR दर्ज हुई थी। ऐसे में उनको जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
वहीं प्रजापति की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी थी कि वो एक साल से जेल में बंद हैं और मामले की जांच पूरी हो चुकी है। ऐसे में उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।
इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर जमानत का विरोध किया था। सरकार की दलील थी कि प्रजापति को जमानत दी जाती है तो वो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, जांच में बाधा पहुंचा सकते हैं।
प्रजापति ने फरवरी में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें हाईकोर्ट ने गायत्री प्रसाद प्रजापति की ज़मानत याचिका को रद्द कर दिया था। गायत्री प्रसाद प्रजापति ने अपनी याचिका में कहा था कि हाईकोर्ट के फैसले में कई खामियां है। कई महत्वपूर्ण तथ्यों को हाई कोर्ट ने नजरअंदाज कर दिया है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 18 फरवरी 2017 को लखनऊ के गौताम्पल्ली थाने में सामूहिक बलात्कार मामले में पीड़िता की शिकायत पर FIR दर्ज की गई थी।उसके बाद गायत्री और अन्य आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि बुंदेलखंड की रहने वाली पीड़िता का आरोप था कि मौरंग का पट्टा दिलाने के नाम पर गायत्री व उसके साथियों ने उसके साथ बलात्कार किया। इतना ही नहीं गायत्री ने उसकी नाबालिग बेटी के साथ भी दुष्कर्म करने की कोशिश की थी।