जस्टिस चेलामेश्वर ने SCBA के विदाई समारोह में आने से इनकार किया

LiveLaw News Network

10 May 2018 5:33 AM GMT

  • जस्टिस चेलामेश्वर ने SCBA के विदाई समारोह में आने से इनकार किया

    सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस जस्ती चेलामेश्वर ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा उनकी विदाई के समारोह में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है।

    22 जून को सेवानिवृत हो रहे जस्टिस चेलामेश्वर से  सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव विक्रांत यादव, कोषाध्यक्ष मीनेश दूबे और सह सचिव राहुल कौशिक व अन्य पदाधिकारियों ने आज उनके घर पर एक घंटे  तक मुलाकात की लेकिन जस्टिस चेलामेश्वर समारोह में आने के लिए राजी नहीं हुए। ये समारोह 18 मई को आयोजित किया जाना था क्योंकि इसके बाद सुप्रीम कोर्ट गर्मियों की छुट्टी के लिए बंद हो जाएगा।

    जस्टिस चेलामेश्वर के इस तरह बाहर निकलने, पारंपरिक विदाई पार्टी से इनकार करने और उनके कार्यकाल के आखिरी कुछ महीनों में उनके  भाषणों को असामान्य माना जा रहा है।

    वह जनवरी में दिल्ली में अपने घर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाए जाने के बाद से विवादों के केंद्र में रहे हैं जब उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा द्वारा अपनाए जा रहे तरीके और मामलों को मनमाने तरीके से आवंटित करने पर उनकी सार्वजनिक तौर पर आलोचना की। तीन अन्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस

    मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ भी अभूतपूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ शामिल हुए, जो विवाद  जज बीएच लोया से जुड़े मामले में उभरा था।

    मार्च में न्यायमूर्ति चेलामेश्वर ने मुख्य न्यायाधीश को यह कहते हुए लिखा कि न्यायपालिका की आजादी खतरे में है और उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक जज के मामले में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप पर चिंता जताई थी।

    न्यायमूर्ति चेलामेश्वर ने एक और सवाल उठाया  जब उन्होंने पिछले महीने याचिका सुनवाई से इनकार कर दिया कि मुख्य न्यायाधीश की बजाए रोस्टर  की एक नई प्रणाली की मांग की गई थी। उन्होंने कहा था कि वह सेवानिवृत्त होने वाले हैं और नहीं चाहते कि 24 घंटे के भीतर उनके एक और आदेश को पलट दिया जाए।

    न्यायाधीश ने कहा, "आप मेरी कठिनाई को जानते हैं, आप मेरी समस्या को समझते हैं,"  वकील प्रशांत भूषण को पिता शांति भूषण द्वारा याचिका पर  न्यायाधीश ने कहा, "मैं कुछ दिनों में सेवानिवृत्त होने जा रहा हूं। मैं मामलों के आवंटन पर आपकी याचिका नहीं सुन सकता। कोई मेरे खिलाफ प्रचार कर रहा है कि मैं कुछ दफ्तर हथियाने की कोशिश कर रहा हूं। ये देश की समस्या है, देश ही निपटेगा। "

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