SC वेबसाइट हैक होने से एक दिन पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने अफसरों को कहा था, कोर्ट वेबसाइटों को लेकर रहें सतर्क [निर्णय पढ़ें]

LiveLaw News Network

25 April 2018 9:32 AM GMT

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  • SC वेबसाइट हैक होने से एक दिन पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने अफसरों को कहा था, कोर्ट वेबसाइटों को लेकर रहें सतर्क [निर्णय पढ़ें]

     दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में कहा कि  निचली अदालतों की वेबसाइटों को लेकर अधिकारियों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। ये टिप्पणी वेबसाइटों  की कई खामियों को इंगित करने वाली  याचिका का निपटारा करते हुए की गई थी।

    दिलचस्प बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट हैक होने से एक दिन पहले कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की एक बेंच द्वारा ये कहा गया था।

    न्यायालय शैलेंद्र भटनागर द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया था कि दिल्ली जिला न्यायालय की वेबसाइट में आवश्यक सूची व अदालत की जानकारी शामिल नहीं है जैसे कारण सूची; दैनिक आदेश; मामले की स्थिति, निर्णय, और न्यायाधीशों के बारे में जानकारी, छुट्टी / प्रशिक्षण आदि।

     यह देखते हुए कि याचिका "निराशाजनक अस्पष्ट" है, अदालत ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सभी आवश्यक जानकारी वकीलों और मुकदमेंबाजों के लिए आसानी से सुलभ होनी चाहिए।

    स्क्रीन और प्रोजेक्टर का उपयोग करके अदालत में दिल्ली जिला न्यायालयों की वेबसाइट की"जांच" की गई।

    सुनवाई के दौरान मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अभिलाष मल्होत्रा, जो केन्द्रीय कम्प्यूटरीकरण  समिति के सदस्य हैं और साथ ही तीस हजारी न्यायालय की वेबसाइट कमेटी में हैं, भी मौजूद रहे।

    मल्होत्रा द्वारा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के एक अधिकारी के साथ, अदालत को सभी स्तरों पर राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के कुशल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों को समझाया गया।

    अदालत को सूचित किया गया कि नवीनतम सॉफ्टवेयर खरीदा गया है और मौजूदा सिस्टम को प्रभावित करने वाले किसी भी मुद्दे को हल करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

    इसके अलावा केन्द्रीय कम्प्यूटरीकरण समिति के फैसलों में भटनागर को अपने विचार-विमर्श में शामिल करने की बात  अदालत के समक्ष रखी गई।

    इस प्रतिक्रिया से संतुष्ट अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा, "उपरोक्त को देखते हुए ऐसा लगता है कि सभी संबंधित अधिकारी एक प्रभावी और उत्तरदायी इंटरफ़ेस सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य आवश्यकताओं के बारे में बेहद सतर्क हैं ताकि सभी अदालत की वेबसाइट का उपयोग कर सकें और वहां से जानकारी प्राप्त करें। "


     
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