Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य सुर्खियां

सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल आधार पर मरणासन्न रूप से बीमार विचाराधीन कैदी को जमानत दी [आदेश पढ़ें]

LiveLaw News Network
21 April 2018 11:56 AM GMT
सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल आधार पर मरणासन्न रूप से बीमार विचाराधीन कैदी को जमानत दी  [आदेश पढ़ें]
x

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक बीमार विचाराधीन कैदी को जमानत दी है जिसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 420, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया था।

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर बानुमति की पीठ के सामने 77 वर्षीय  व्यक्ति का केस था जो प्राकृतिक दिनचर्या करने में  भी  असमर्थ है और विभिन्न बीमारियों से पीड़ित है। याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील अंजना प्रकाश और वकील नमित सक्सेना ने किया था।

 याचिकाकर्ता की तरफ से यह तर्क दिया गया कि अदालत की एक संविधान पीठ ने कहा है कि गरिमा के साथ मरने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है [कॉमन कॉज बनाम भारतीय संघ: डब्ल्यूपी सिविल 215/2005] और याचिकाकर्ता एक कोमा जैसी स्थिति में हैं यहां तक कि वो पेन उठाने में भी असमर्थ है, नींद के दौरान स्थिति बदलने और दैनिक कृत्यों का भी मोहताज है।  यह आग्रह किया गया था कि याचिकाकर्ता को पिछले कुछ दिनों में गरिमा के साथ जीना चाहिए न कि जेल के विकलांगता वार्ड में।

 सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले के सारे तथ्यों को देखते हुए कि अपीलकर्ता 77 वर्षीय व्यक्ति है और विभिन्न बीमारियों से पीड़ित है और यह भी एक तथ्य है कि ट्रायल में कुछ समय लग सकता है, इसलिए कोर्ट अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा करने की इच्छुक है।


 
Next Story