नरोदा पटिया दंगा : गुजरात हाईकोर्ट ने माया कोडनानी को बरी किया, बाबू बजरंगी की सजा बरकरार
LiveLaw News Network
20 April 2018 1:14 PM IST
गुजरात उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को 2002 नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में पूर्व भाजपा मंत्री माया कोडनानी को बरी कर दिया।
इस बीच अदालत ने बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी की सजा को बरकरार रखा है, यह देखते हुए कि उनके खिलाफ षड्यंत्र के आरोप उचित संदेह से परे साबित किए गए थे। अदालत ने दो अन्य लोगों गणपत और हरेश छारा को भी बरी कर दिया।
निचली अदालत ने अगस्त 2012 में कोडनानी, बजरंगी और 29 अन्य लोगों को 2002 के दंगों की नरोदा पाटिया के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी जिसमें 97 लोग मारे गए थे।
निचली अदालत ने नरेंद्र मोदी सरकार की भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री कोडनानी को नरोदा इलाके में "दंगों की मुख्य सूत्रधार” के रूप में बताया था और उन्हें 26 साल के कारावास की सजा सुनाई थी। यह कुछ ऐसे मामलों में से एक है जिसमें दंगाइयों को दोषी ठहराया गया था।
आदेश के खिलाफ 11 अपील दायर की गईं। सभी अभियुक्तों ने अपनी दोष सिद्धी को चुनौती दी थी, जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त - विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बजरंगी समेत तीन दोषियों के लिए सख्त सजा मांगी थी।
एसआईटी ने सात अभियुक्तों के निर्दोष ठहराए जाने को भी चुनौती दी थी।
सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने अपराध स्थल पर जाने का फैसला किया था, लेकिन मीडिया को "किसी भी हस्तक्षेप" के खिलाफ चेतावनी दी थी, जिसे उसने न्यायिक कार्यवाही के साथ हस्तक्षेप माने जाने के समान बताया था।
न्यायमूर्ति हर्षा देवानी और न्यायमूर्ति ए एस सुपियाह ने पिछले साल अगस्त में अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। अधिक जानकारी का इंतजार है।