उड़ीसा हाई कोर्ट के जजों के खिलाफ शिकायत करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत [आर्डर पढ़े]
LiveLaw News Network
11 April 2018 7:35 PM IST
जेल में आठ महीना बिताने के बाद आरटीआई कार्यकर्ता जयंत कुमार दास को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। दास ने उड़ीसा हाई कोर्ट के दो वर्तमान जजों के खिलाफ शिकायत की थी। इन जजों के खिलाफ इस समय अदालती जांच चल रही है।
यह दूसरा मामला है जब कटक के लालबाग़ पुलिस ने 8 अगस्त को पिछले वर्ष दास को गिरफ्तार किया क्योंकि उसने भगवान जगन्नाथ और गजपति राजा दिब्यासिंह देब के खिलाफ फेसबुक पर टिप्पणी की थी।
पिछले महीने उड़ीसा हाई कोर्ट ने उसे साइबर स्टाकिंग मामले में जमानत दी थी जिसमें उसको छह साल के जेल की सजा हुई थी। दास इस समय पुरी जेल में बंद है। अपनी सजा के खिलाफ उसकी अपील सत्र न्यायालय में लम्बित है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने उसको जमानत दे दी जब उन्हें पता चला कि पुलिस की ओर से इस मामले में कोई पेश नहीं हुआ।
कोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिया कि वह जमानत की राशि और अन्य शर्तें तय करे। दास से कहा गया कि वे मामले की जांच में सहयोग करें।
पीठ ने याचिकाकर्ता की पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील जयंत भूषण की दलील रिकॉर्ड की।
पीठ ने कहा, “हमारे विचार में, चूंकि इस आवेदन का ओडिशा राज्य ने कोई विरोध नहीं किया है, इसलिए अपीलकर्ता को जमानत देना उचित होगा पर उसे सुनवाई अदालत द्वारा इस बारे में लगाई गई शर्तों का पालन करना होगा। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि याचिकाकर्ता जांच में सहयोग देगा और इसमें कोई रुकावट पैदा नहीं करेगा”।
पिछले वर्ष अगस्त में अपनी गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले पुरी की एक अदालत ने एक महिला का पीछा करने, उसको अश्लील संदेश भेजने, उसका अपमान करने और मानसिक रूप से उसको परेशान करने और उसके बारे में निजी जानकारियों को एक अश्लील वेबसाइट पर डालने का दोषी पाया था और उसको सजा सुनाई थी।
दास ने सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर से जजों के खिलाफ शिकायत की थी जिन्होंने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई में दो अन्य हाई कोर्ट जजों की कमिटी द्वारा इसकी जांच का आदेश दिया। कमिटी ने अभी रिपोर्ट नहीं दी है।