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कथित रूप से “आतंकवादी” बताने के खिलाफ मानहानि के मामले में अपील पर अब सुप्रीम कोर्ट त्वरित सुनवाई करेगा [आर्डर पढ़े]

LiveLaw News Network
5 April 2018 9:54 AM GMT
कथित रूप से “आतंकवादी” बताने के खिलाफ मानहानि के मामले में अपील पर अब सुप्रीम कोर्ट त्वरित सुनवाई करेगा [आर्डर पढ़े]
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एक व्यक्ति को कथित तौर पर “,आतंकवादी,” बताने पर अखबार के सम्पादक और संवाददाता के खिलाफ मानहानि के मामले को खारिज कर देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की त्वरित सुनवाई करने की अनुमति दे दी है।

इस मामले में अपील की अनुमति देने के बाद न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर और संजय किशन कौल की पीठ ने कहा, “अनुमति दी जाती है। चूंकि मामला वृहत्तर क़ानून से जुड़ा हुआ है, जिस पर विचार की ज़रूरत है, इसलिए इसकी सुनवाई शीघ्रता से की जाए।”

हालांकि अभी भी यह मालूम नहीं है कि “क़ानून का वृहत्तर मामला” होने से पीठ का तात्पर्य क्या है।

सैयद वासिफ हैदर ने मजिस्ट्रेट के खिलाफ दायर शिकायत में कहा था कि इसके बावजूद कि उन्हें हत्या के एक मामले में बरी कर दिया गया, एक अखबार में कुछ ऐसी खबरें छपीं जिसमें उन्हें “आतंकवादी” बताया गया। उनके अनुसार, इस खबर के प्रकाशन से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। पर उनकी अपील ठुकरा दी गई और सत्र न्यायाधीश ने मजिस्ट्रेट के आदेश को सही ठहराया जिसने उनकी अपील पहले ही ठुकरा दी थी।

हाई कोर्ट ने भी उसकी अपील ठुकरा दी और कहा कि सिर्फ उनका नाम इस प्रकाशित खबर में था लेकिन उनके माँ-बाप के बारे में कुछ नहीं कहा गया था और न ही उनके पते के बारे में कुछ लिखा गया था। हाई कोर्ट ने कहा कि प्रकाशित खबर उचित है और यह नहीं कहा जा सकता कि ऐसा उनकी प्रतिष्ठा को मलिन करने के लिए किया गया है।

यद्यपि विशेष अनुमति याचिका 2015 में दायर की गई थी, पर चूंकि राज्य द्वारा हलफनामा दायर करने में देरी होने के कारण यह मामला स्थगित होता रहा। अंततः, यह मामला न्यायमूर्ति चेलामेश्वर के समक्ष आया जिन्होंने अब इस मामले पर त्वरित गति से सुनवाई की बात कही है।


 
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