न्यायमूर्ति चेलामेश्वर के हस्तक्षेप के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने निचली अदालत के जज के खिलाफ जांच बंद की
LiveLaw News Network
29 March 2018 1:40 PM IST
कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी ने एक वरिष्ठ जिला और सत्र जज के खिलाफ कथित तौर पर की जा रही जांच को बंद कर दिया है। ये जांच उस वक्त बंद की गई जब न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर ने पिछले हफ्ते भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को एक कठोर पत्र लिखकर जांच पर सवाल उठाया था कि केंद्र के कहने पर ये जांच शुरू की गई।
द प्रिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार न्यायाधीश पी कृष्णा भट्ट के खिलाफ जांच पर न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर द्वारा सवाल उठाया गया था। उन्होंने यह मुद्दा उठाया था कि केंद्र ने जज भट्ट की हाईकोर्ट में पदोन्नति को बिना किसी ठोस कारण रोक दिया था, इस तथ्य के बावजूद कि उनके नाम पर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा दो बार मंजूरी दी गई थी।
पत्र में जस्टिस माहेश्वरी द्वारा एक महिला न्यायिक अधिकारी द्वारा जज भट्ट के खिलाफ लगाए गए पुराने आरोपों की जांच के फैसले पर गंभीर आपत्ति जताई जिसमें कहा गया है कि मामले की पूरी जांच के बाद उन्हें मामले में सही ठहराया गया था।
यह मामला न्यायाधीश भट्ट के खिलाफ दायर एक शिकायत से जुड़ा है, जिसमें उन पर एक महिला द्वारा "अत्याचार और शक्ति का दुरुपयोग" करने का आरोप लगाया था। इससे पहले महिला के आचरण के लिए जज द्वारा उन्हें दोषी ठहराया गया था।
जज भट्ट का नाम हाईकोर्ट के लिए सिफारिश किए जाने के बाद उसने ऐसी शिकायतों को केंद्र और सर्वोच्च न्यायालय में भेजना शुरू कर दिया इसलिए केंद्र ने सिफारिश वापस कर दी थी।
इसके बाद भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने न्यायमूर्ति माहेश्वरी के पूर्ववर्ती जस्टिस सुभ्रो कमल मुखर्जी को जांच करने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति मुखर्जी ने न्यायाधीश भट्ट के खिलाफ आरोपों को रद्द कर दिया था। इसमें कहा गया कि महिला की शिकायतें उनकी छवि खराब करने और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति को रोकने के उद्देश्य से की गईं। इसलिए उनकी उम्मीदवारी पिछले साल अप्रैल में कॉलेजियम ने दोहराई थी। हालांकि केंद्र ने अभी तक इस पर कार्रवाई नहीं की है।