चारा घोटाला :दुमका मामले में सीबाआई कोर्ट ने लालू को सुनाई 7-7 साल की सजा, 30-30 लाख रुपये जुर्माना

LiveLaw News Network

24 March 2018 3:02 PM GMT

  • चारा घोटाला :दुमका मामले में सीबाआई कोर्ट ने लालू को सुनाई 7-7 साल की सजा, 30-30 लाख रुपये जुर्माना

    चारा घोटाले के दुमका कोषागार से जुड़े मामले में कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने आईपीसी की धारा 120 और पीसी एक्ट के तहत 7-7 साल की सजा सुनाई है।साथ ही उन पर 30-30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। ये चारा घोटाले में सबसे बड़ी सजा है।

     सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद सहित 19 दोषियों को शनिवार को सजा सुनाई।

    23 मार्च को अदालत में पांच दोषियों की सजा पर सुनवाई हुई थी। आरोपियों की ओर से  अधिक उम्र,अधिक समय से मुकदमे का ट्रायल सहित कई बीमारियों का हवाला देते हुए कम सजा का अनुरोध किया गया। अदालत ने 19 मार्च को 19 लोगों को दोषी ठहराया था। सजा पर 21 मार्च से सुनवाई शुरू हुई थी, जो 23 मार्च तक चली। हालांकि कोर्ट ने  डॉ. जगन्नाथ मिश्र समेत 9 आरोपियों को बरी कर दिया था।

     तत्‍कालीन बिहार (अब झारखंड) के दुमका कोषागार से करीब 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में दर्ज मुकदमा नंबर आरसी 38ए/96 में लालू प्रसाद यादव सहित कुल 31 आरोपी थे। इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने पांच मार्च को सुनवाई पूरी की थी।

    लालू यादव पर 96 फर्जी वाउचर के जरिए दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ की अवैध निकासी मामले में दोषी पाए गए हैं। ये पैसे जानवरों के खाने के सामान, दवाओं और कृषि उपकरण के वितरण के नाम पर निकाले गए थे। उस दौरान पैसे के आवंटन की सीमा अधिकतम एक लाख 50 हजार ही थी। जब यह निकासी हुई थी लालू उस समय मुख्यमंत्री थे।

    लालू यादव  इससे पहले चारा घोटाला में तीन मामलों में दोषी ठहराए जा चुके हैं। लालू को चाईबासा कोषागार के दो मामलों मामले में पांच-पांच साल तथा देवघर कोषागार मामले में साढ़े तीन साल की सजा मिल चुकी है।
    डोरंडा कोषागार से जुड़ा चारा घोटाले का पांचवा मामला सबसे बड़ा है जिसमें करीब 139.35 करोड़ की अवैध निकासी का आरोप है। इसके अलावा लालू भागलपुर के एक और मामले में आरोपी हैं।
    फिलहाल लालू प्रसाद रांची के होटवार सेंट्रल जेल में सजा काट रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार चारा घोटाला में लगातार तेज सुनवाई हो रही है।

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