माता-पिता की शादी को भंग करने पर 10 वर्षीय लड़के ने SC पीठ को ‘धन्यवाद नोट’ सौंपा [निर्णय पढ़ें]
LiveLaw News Network
10 March 2018 10:30 AM GMT
20 फरवरी को वैवाहिक विवाद से संबंधित अपील का निपटारा कर रही न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति मोहन एम.शांतनगौदर की सुप्रीम कोर्ट की पीठ के सामने एक दस वर्षीय लड़का पहुंचा। ये लड़का उस दंपति के बच्चों में से एक था जो वैवाहिक मुकदमे लड रहा था। मध्यस्थता प्रयासों में असफल होने के बाद बेंच ने दोनों के बीच शादी के विघटन का आदेश दिया था। तब लड़के ने बेंच को एक हस्तलिखित नोट सौंपा जिसमें लिखा था,: "ईश्वर के पास हमेशा तुम्हारे लिए कुछ है: हर समस्या के लिए एक कुंजी, हर छाया के लिए एक प्रकाश, प्रत्येक दुःख के लिए एक राहत और हर कल के लिए एक योजना"
अचरज भरे स्वर में जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा: "अपीलकर्ता और प्रतिवादी के 10 वर्षीय बेटे द्वारा द्वारा अदालत में दिया गया एक समृद्ध स्तुतिवाक्य है ... न्यायालय में आज जो छोटा बच्चा उपस्थित है, वह बेहद खुश है और उसने हाथ से लिखे कार्ड को पेश करने की स्वतंत्रता की मांग की है, जो कि अपने माता-पिता के बीच सभी विवादों और मुकदमेबाजी के निपटारे पर अपनी खुशी व्यक्त करता है।"
दरअसल उनके बीच कथित तौर पर 23 मामले थे। न्यायालय ने इस आदेश द्वारा उन दोनों के बीच निपटान की शर्तों को रिकॉर्ड करने के बाद सभी मुकदमों को बंद कर दिया था। न्यायालय ने छह महीने तक वैधानिक शांति अवधि का इंतजार किए बिना शादी को भंग कर दिया।
"अब जब पार्टियों ने अपने विवादों को सुलझा लिया है, तो हम नहीं समझते कि उन्हें उन संबंधित न्यायालयों में जाना आवश्यक है जहां उन दोनों के बीच अन्य मुकदमेबाजी लंबित हैं, क्योंकि वे सभी मुकदमों को खत्म करने के लिए सहमत हुए हैं।" कोर्ट ने दंपति को निपटारे के नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया।