हादिया के पिता ने SC में नई साजिश का खुलासा किया,' एक युगल ने हादिया को यमन ले जाने की कोशिश की’ [शपथ पत्र पढ़ें]]
LiveLaw News Network
7 March 2018 10:31 AM IST
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में हादिया के पिता अशोकन के.एम. ने आरोप लगाया है कि हादिया उर्फ अखिला को यमन भेजने के प्रयास किए गए थे।
हादिया के हलफनामे के जवाब में दायर किए गए हलफनामे उसके धर्म परिवर्तन की एक अलग व्याख्या प्रस्तुत की गई है।
यह दावा किया गया है कि हादिया एक शनीब के संपर्क में आई जिसने उसे अपनी बड़ी बहन शेरिन शहाना से मिलवाया। शेरिन के माध्यम से हादिया ने उसके पति फैसल मुस्तफा से मुलाकात की जिसने
हादिया को अपनी दूसरी पत्नी बनाने और यमन ले जाने की पेशकश की।ये दंपति कथित रूप से हादिया को एर्नाकुलम ले गया जहां डेवी एसी, एडवोकेट और नोटरी के समक्ष कथित तौर पर उससे मुस्लिम बनने का शपथ पत्र लिया गया। इसके बाद उसे 'आसिया’ नाम दिया गया था।
अशोकन ने प्रस्तुत किया कि हादिया ने अपनी दोस्त एंबिली को इस बात का खुलासा किया था जिसने बाद में हादिया के फैसले पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद हादिया पीछे हट गई।
अशोकन का दावा है कि इन सभी तथ्यों को वास्तव में पुलिस ने बाहर कर दिया है और ये मामले की केस डायरी में उपलब्ध है।
ये प्रस्तुत करते हुए, "उस समय केरल राज्य पुलिस ने मामले के इस कोण की जांच नहीं की, हालांकि स्पष्ट रूप से उनकी पुलिस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि शेरिन शाहाना और फैसल मुस्तफा की उसे यमन में भेजने की योजना थी। एनआईए को इस मामले की जांच के बारे में बताया जा सकता है।”
फिर उन्होंने कहा कि हादिया फिर “ फसीना और जसीना के जाल में फंस गई” जो हॉस्टल में उसके साथ थीं। वो हादिया को धर्म परिवर्तन के लिए प्रभावित करने में सफल रहे।
अशोकन ने हादिया के साथ एक टेलीफोन पर बातचीत की रिकॉर्डिंग के प्रयास पर भी विस्तार से बताया, जब उसने उन्हें भेड़ पालन में सीरिया जाने की योजनाओं के बारे में बताया था।
उन्होंने यह निवेदन किया कि जब वह अपने साथ पहले टेलीफोन वार्तालाप को रिकॉर्ड नहीं कर सके तो उन्होंने 12 जुलाई को उसके साथ एक और बातचीत की रिकॉर्डिंग करने की कोशिश की।उन्होंने जानबूझकर अपनी पिछली बातचीत का संदर्भ दिया।
वह बताते हैं, "जुलाई 2016 में जब मैं अपनी बेटी से बात कर रहा था, उसने मुझे बताया कि वह भेड़ पालन के लिए सीरिया जाने की योजना बना रही है। उस अवधि के दौरान मैं यह सुनकर चौंक गया था, मुख्य रूप से हिंदू और ईसाई समुदाय के युवाओं की इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस के लिए शॉर्ट) में शामिल होने के लिए सीरिया में तस्करी की जा रही है।
मैंने अपने करीबी रिश्तेदारों के साथ इस बारे में चर्चा की। उन्होंने मुझे बताया कि न्यायालय के सामने साक्ष्य होना चाहिए। इसलिए बातचीत को रिकॉर्ड करने की तैयारी करने के बाद मैंने उसे फिर से फोन किया। हमारी बातचीत के दौरान मैंने उससे सीरिया जाने की उसकी योजना के बारे में पूछा, उसने स्पष्ट रूप से मुझसे कहा कि उसे जाने की योजना नहीं है। मुझे समझने में कोई कठिनाई नहीं हुई कि वह इस तरीके से बात कर रही थी जैसा कि 8 वें प्रतिवादी ने उसे सलाह दी है।"
वह अपनी पत्नी पर लगे आरोपों से इनकार करते हैं कि उसने हादिया को जहर देने की कोशिश की है, “ मेरी पत्नी हमेशा उसके साथ पूर्ण प्रेम और स्नेह रखती थीं। वह कभी भी थोड़ी सी भी हानि या पीड़ा को सहन नहीं कर सकती। वह हमेशा अखिला की भलाई के लिए प्रार्थना कर रही है। मेरी बेटी का आरोप है कि मेरी पत्नी उसे जहर देकर उसे मारने की कोशिश कर रही थी या उसे नुकसान पहुंचाना चाहती है।
मेरी पत्नी हमारी ही बेटी को थोड़ी सी हानि पैदा करने का सपना भी नहीं देख सकती, उसके बिना, हमारे पास दुनिया में कुछ भी नहीं है। ये बेतुका, दूरगामी और काल्पनिक आरोप दिखाता है कि उसका कितनी गहराई से ब्रेनवॉश किया गया है।
अशोकन ने कहा है कि हादिया ने उसे देश से बाहर ले जाने के इन आरोपों से इनकार नहीं किया है।
इसमें कोई शक नहीं है कि अखिला एक कमजोर वयस्क है और इसीलिए उच्च न्यायालय के निरोधक आदेश इसके निहित न्यायिक क्षेत्र के तहत उचित हैं और इस मामले की विशिष्ट परिस्थितियों में पुष्टि की गई।