मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने केस की बहाली के लिए जुर्माने की बजाए वकील को एक घंटा सामुदायिक सेवा करने के निर्देश दिए
LiveLaw News Network
21 Feb 2018 8:20 PM IST
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक वकील की बहाली की अर्जी को अनुमति देकर सुझाव दिया कि जुर्माने की बजाए वो एक घंटा सामुदायिक सेवा करे।
न्यायमूर्ति आनंद पाठक ने आवेदक के वकील को ब्लाइंड होम (माधव अंधाश्रम चंद्रवदनी का नाका, ग्वालियर) में एक घंटे की सामुदायिक सेवा करने का सुझाव दिया। साथ ही कहा कि कुछ खाद्यान्न / स्नैक्स के उन दिव्यांग बच्चों के साथ एक घंटा बिताए जिनका राज्य सरकार द्वारा ध्यान रखा जा रहा है।
"एक घंटे की यह सामुदायिक सेवा न केवल आत्मा के लिए संतोषजनक होगी, बल्कि अलग-थलग पडे बच्चों को भी एक संदेश देगी कि समाज और उसके सदस्य उनकी देखभाल करते हैं और उन्हें भी भगवान के बच्चों के रूप में से कम नहीं माना जाता है।" न्यायाधीश ने कहा।
आवेदक की ओर से पेश वकील ने तत्काल सुझाव स्वीकार कर लिया और रिमांड होम का दौरा करने और पर्याप्त खाद्य पदार्थ लेकर उनके एक घंटे का समय बिताने की अंडरटेकिंग दी।
अदालत ने आगे कहा: "हालांकि रिमांड होम जाना एक दायित्व है, जिसे किसी भी शपथ पत्र और / या तस्वीरों के माध्यम से साबित करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन कार्रवाई के माध्यम से विचारों के इरादे और अभिव्यक्ति के लिए आरक्षित किया गया है ताकि दूसरे भी इसका पालन करें। " अदालत ने वकील को भी अपने अनुभव और दिव्यांग बच्चों के साथ बिताए पलों की एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।