सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षा 2015 के खिलाफ याचिका खारिज की [निर्णय पढ़ें]
LiveLaw News Network
18 Feb 2018 8:15 PM IST
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की पीठ ने दिल्ली न्यायिक परीक्षा सेवा में किसी भी तरह से हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
याचिका दायर करने वालों की माँग थी :
हर पेपर में पास होने का न्यूनतम अंक कम किया जाए : याचिकाकर्ताओं ने हर पेपर में पास होने के लिए न्यूनतम अंक प्राप्त करने की सीमा को 40% से घटाकर 33% करने की मांग की। इसका कारण उन्होंने यह बताया कि मुख्य परीक्षा में बैठने वाले 914 उम्मीदवारों में से सिर्फ 64 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया।
- पुनर्मूल्यांकन :दूसरी याचिका में मांग की गई कि किसी स्वतंत्र विशेषग्य समिति से पेपर की दुबारा जांच कराने की अनुमति हो। इसका कारण यह बताया गया कि पेपर का मूल्यांकन काफी सख्त होता है। इसके लिए संजय सिंह एवं अन्य बनाम यूपी लोक सेवा आयोग के मामले, इलाहाबाद एवं अन्य (2007) 3 SCC 720 का हवाला दिया गया।
- प्रतिशत को इस तरह राउंड ऑफ़ किया जाए ताकि पास होने वाला प्रतिशत मिल जाए। जैसे अगर किसी को9% मिलता है तो उसे 50% कर दिया जाए।
- साक्षात्कार में न्यूनतम अंक की बाध्यता को समाप्त किया जाए। यह याचिका एक ऐसे उम्मीदवार ने दायर किया था जो साक्षात्कार के लिए योग्य होने वाला एकमात्र उम्मीदवार था।
कोर्ट ने इन सभी अपील को खारिज कर दिया।
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