सोहराबुद्दीन केस में अमित शाह को आरोपमुक्त किए जाने के खिलाफ याचिका का बॉम्बे हाईकोर्ट में विरोध करेगी CBI
LiveLaw News Network
24 Jan 2018 8:00 AM GMT
सोहराबुद्दीन मामले में अमित शाह को आरोपमुक्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका का सीबीआई विरोध करेगी। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने बॉम्बे हाईकोर्ट को मंगलवार को कहा कि बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सोहराबुद्दीन शेख के फर्जी मुठभेड़ में आरोपमुक्त किए जाने के खिलाफ बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन द्वारा दायर जनहित याचिका का विरोध किया जाएगा। इस मामले में जांच एजेंसी की ओर से पेश सिंह ने कहा कि ये आदेश 2014 में पारित किया गया था और वक्त सीमा के कानून पर विचार किया गया जाना चाहिए।ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।
जस्टिस एस.सी. धर्माधिकारी और जस्टिस भारती डांगरे की बेंच ने बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई की जिसमें जज जे.टी. उप्पत के ट्रांसफर के आदेश को भी चुनौती दी गई है जो सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे। जज उत्पात के इस विशेष ट्रांसफर आदेश को उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति द्वारा पारित किया गया था। याचिका में कहा गया है कि स्थानांतरण सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उल्लंघन में है। 27 दिसंबर, 2012 के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा था- "प्रशासनिक समिति यह भी सुनिश्चित करेगी कि मुकदमा एक ही अधिकारी द्वारा शुरूआत से अंत तक किया जाना चाहिए।"
वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए और कहा कि कोर्ट को दिमाग लगाना चाहिए और ये एक गंभीर बहस है।
जस्टिस धर्माधिकारी ने जवाब दिया, "हम उसे याचिकाकर्ता पर छोड़ते हैं लेकिन हमें लगता है कि संस्थान को यथासंभव इससे बाहर रखा जाना चाहिए।”
जनहित याचिका में यह भी बताया गया है कि सीबीआई ने राजस्थान पुलिस के दो और वरिष्ठ गुजरात पुलिस अधिकारी (एनके अमीन) के आरोपमुक्त किए जाने का विरोध किया और अभी तक अमित शाह के आरोपमुक्त किए जाने का विरोध करने का फैसला नहीं किया। जनहित याचिका के अनुसार, "अभियुक्तों के चुनिंदा आधार पर चुनौती देने के मामले में सीबीआई का यह कार्य मनमाना और अनुचित है, बल्कि बदनीयत भी है।”
एएसजी अनिल सिंह ने सीबीआई की ओर से अपना जवाब दाखिल के लिए समय मांगा और कोर्ट ने इस मामले को 13 फरवरी के लिए तय किया है।