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निस्संतान मरने पर महिला को अपने माँ-बाप से मिली संपत्ति उसके पति को नहीं उसके माँ-बाप के कानूनी वारिसों को मिलेगा : बॉम्बे हाई कोर्ट [निर्णय पढ़ें]

LiveLaw News Network
24 Jan 2018 7:48 AM GMT
निस्संतान मरने पर महिला को अपने माँ-बाप से मिली संपत्ति उसके पति को नहीं उसके माँ-बाप के कानूनी वारिसों को मिलेगा : बॉम्बे हाई कोर्ट [निर्णय पढ़ें]
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पुणे के संयुक्त सिविल जज, जूनियर डिवीजन, के आदेश को निरस्त करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि हिंदू उत्तराधिकार क़ानून की धारा 15 के तहत हिंदू महिला को अपने माँ या बाप से मिली कोई संपत्ति उसके निस्संतान मरने पर उसके माँ या बाप के उत्तराधिकारी को मिलेगा न कि उस महिला के पति को। यह फैसला न्यायमूर्ति शालिनी फंसालकर जोशी ने सुनाया जो सुंदराबाई के रिश्तेदारों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सुंदराबाई लगभग 55 साल पहले 18 जून 1962 को मर गई।

मामले की पृष्ठभूमि

सुंदराबाई के पति ने सुंदराबाई की संपत्ति के बारे में एक मामला कोर्ट में दायर किया था।

प्रतिवादी ने दलील दी कि वादी पति और उसके बच्चों का सुंदराबाई की संपत्ति पर कोई दावा नहीं है क्योंकि इस मामले में जिनको सुंदराबाई का संतान बताया गया है वे उसके पति की दूसरी पत्नी के बच्चे हैं।

सुनवाई अदालत ने इस दलील को मान लिया और कहा कि सुंदराबाई की संपत्ति पर उसके सौतेले बच्चों का कोई हक़ नहीं है।

बाद में याचिकाकर्ता ने इस फैसले पर पुनर्विचार की अर्जी दायर की और कोर्ट ने उसे भी निरस्त कर दिया।

 फैसला

कोर्ट ने हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 15 पर गौर करने के बाद कहा,

“...बेटा या बेटी के नहीं होने के कारण मृतक महिला की संपत्ति उसके पिता के कानूनी वारिसों को मिलेगी कि उसके पति या सौतेले बच्चों को। अगर उसको अपना बच्चा नहीं है तो यह प्रावधान उसके पति को महिला की इस संपत्ति की दावेदारी से बाहर कर देता है अगर वह निस्संतान मरी है तो।”


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