जज लोया की मौत की जांच की याचिका : रोस्टर के तहत 22 जनवरी को उचित बेंच में सुनवाई
LiveLaw News Network
19 Jan 2018 9:10 PM IST
सीबीआई के विशेष जज बीएच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। लेकिन मामले की सुनवाई कौन सी बेंच करेगी।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने शुक्रवार को आदेश जारी कर कहा है कि इन याचिकाओं पर सुनवाई 22 जनवरी को रोस्टर के मुताबिक उचित बेंच के सामने होगी।
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला और महाराष्ट्र के पत्रकार बंधूराज शंभाजी लोने ने याचिका दायर की है।
शुक्रवार को पूनावाला के वकील विरेंद्र कुमार शर्मा ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने इस मामले में जल्द सुनवाई की मांग की। इससे पहले मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस मोहन एम शांतनागौदर की बेंच ने 16 जनवरी को सुनवाई के बाद आदेश जारी कर कहा था कि इस मामले को उचित बेंच में लगाने को कहा था लेकिन उसमें सुनवाई की तारीख का जिक्र नहीं था।
गौरतलब है कि जस्टिस जे चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कूरियन जोसफ ने 12 जनवरी को प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया था कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा केसों को बेंचों को देने के मामले में परंपराओं का पालन नहीं कर रहे हैं। वो नियमों से परे महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई अपनी पंसदीदा बेंच को देते रहे हैं। महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई अपनी पंसदीदा बेंच को देते रहे हैं।
जजों ने इस संबंध में दो महीने पहले एक चिट्ठी भी लिखी थी। जजों ने कहा था कि लोया को लेकर दाखिल याचिका पर शुक्रवार को ही चीफ जस्टिस से मिले भी थे लेकिन उन्हें समझाने में नाकाम रहे।
दरअसल12 जनवरी को ही जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस एम शांतनागौदर की बेंच ने सीबीआई स्पेशल जज बीएच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच कराने की मांग वाली याचिका पर महाराष्ट्र सरकार के वकील से 15 जनवरी को सरकार से निर्देश लाने को कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने सोहराबुद्दीन केस के ट्रायल को देख रहे सीबीआई जज बृजगोपाल हरिकिशन लोया की 2014 में हुई मौत की जांच को लेकर दाखिल दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।
दरअसल 48 साल के जज लोया, जो सीबीआई केस की सुनवाई कर रहे थे, जिसमें बीजेपी चीफ अमित शाह आरोपी थे, लेकिन बाद में आरोपमुक्त हो गए, की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में दिल का दौरा पडने से मौत हो गई थी। उस वक्त वो शादी समारोह में हिस्सा लेने गए थे।
याचिकाओं में कारवां मैगजीन की उन दो रिपोर्ट का हवाला दिया गया है जिसमें लोया के परिवार के सदस्यों द्वारा लोया की मौत के दौरान हैलात पर संदेह जताया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के अलावा बॉम्बे हाईकोर्ट में भी इसी तरह की दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इनमें से एक बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन और दूसरी सूर्यकांत लोजे द्वारा दाखिल की गई है।