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रोहिणी आश्रम में महिलाओं को बंदी बनाकर रखने का मामला : दिल्ली हाई कोर्ट ने आश्रम के लापता संस्थापक के बारे में सीबीआई से रिपोर्ट मांगी [आर्डर पढ़े]

LiveLaw News Network
15 Jan 2018 2:41 PM GMT
रोहिणी आश्रम में महिलाओं को बंदी बनाकर रखने का मामला : दिल्ली हाई कोर्ट ने आश्रम के लापता संस्थापक के बारे में सीबीआई से रिपोर्ट मांगी [आर्डर पढ़े]
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दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई के निदेशक को रोहिणी आश्रम का संस्थापक वीरेंदर देव दीक्षित कहाँ है इस बारे में एक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और सी हरि शंकर की पीठ ने फाउंडेशन फॉर सोशल एम्पावरमेंट नामक संस्था द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस आश्रम में कई अवयस्क लड़कियों और महिलाओं को गैर कानूनी तरीके से जबरदस्ती बंद रखा गया और उन्हें उनके माँ-बाप से भी मिलने नहीं दिया जा रहा है।

हाल में हुई सुनवाई में कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल ने भी अपनी रिपोर्ट में इन बातों की पुष्टि की। पैनल ने कहा कि आश्रम में रह रही लड़कियों को दीक्षित अपने परिवार के सदस्यों के खिलाफ झूठे मामले दायर करने को उकसाता था। कोर्ट को बताया गया कि एक जांच के दौरान जांच टीम को शिकायतों की एक पूरी बोरी मिली जिसमें सभी शिकायतें एक जैसी ही थीं।

कोर्ट ने कहा, “...प्रथम दृष्टया ये शिकायतें न केवल झूठी हैं बल्कि जानबूझकर लिखे गए हैं ताकि रिश्तेदारों को वर्तमान रिट याचिका और प्रतिवादी नंबर 5 और 6 के खिलाफ दायर शिकायतों को आगे बढ़ाने से हतोत्साहित किया जा सके...

...अगर विश्वास करना असंभव नहीं तो मुश्किल जरूर है कि इतनी बड़ी संख्या में एक ही छत के नीचे रह रही महिलाएं अपने निकट रिश्तेदारों के खिलाफ एक ही तरह की शिकायतें दर्ज कराएंगी। ये सारी शिकायतें अब एक साथ हैं और ये सब के सब अब एक ही व्यक्ति प्रतिवादी नंबर 6 के पास है, और यह इस पूरे मामले की सचाई के बारे में संदेह पैदा करता है। इसके विपरीत, ये तथ्य याचिकाकर्ता की बातों की पुष्टि करते हैं।”

राज्य सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया कि दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया गया है कि अगर किसी आश्रमवासी की शिकायत उसे मिलती है तो वह इसे सीबीआई को सौंप दे।

इस मामले की अगली सुनवाई अब 5 फरवरी को होगी।


 
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